न्यूज 11 भारत
खूंटी/डेस्क: तोरपा प्रखंड के एरमेरे गांव में नकली नोटों से मजदूरों को भुगतान किए जाने का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. गांव के ग्राम प्रधान बर्नार्ड आइंद ने वन विभाग के गार्ड राहुल कुमार महतो पर आरोप लगाया है कि उन्होंने रविवार शाम उन्हें मजदूरों को भुगतान के लिए मनोरंजन बैंक (बच्चों के खेलने वाले नकली नोट) की गड्डी सौंपी.
ग्राम प्रधान के मुताबिक, गार्ड राहुल महतो ने रविवार की शाम उन्हें फोन कर दो कटहल मांगे थे. कटहल देने के बाद गार्ड ने बदले में 200-200 रुपये के नोटों की एक गड्डी दी. ग्राम प्रधान ने उस गड्डी से मजदूरों को भुगतान कर दिया, जो वन विभाग की ओर से पौधरोपण गड्ढे खुदाई कार्य में लगे थे.
मंगलवार को जब कई मजदूर नकली नोटों की शिकायत लेकर प्रधान के पास पहुंचे, तब मामले का खुलासा हुआ. नोटों पर "मनोरंजन बैंक" लिखा हुआ था, जो केवल बच्चों के खेल के लिए बनाए जाते हैं. ग्राम प्रधान ने खुद को ठगा हुआ महसूस करते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की है.
वन विभाग का पक्ष — “ग्राम प्रधान लगा रहे झूठा आरोप”
मामले पर वन प्रमंडल के रेंजर सुरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उन्हें शिकायत मिली है लेकिन मामला संदेहास्पद प्रतीत हो रहा है. उनका कहना है कि "ग्राम प्रधान द्वारा वन विभाग को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. जांच टीम गठित की गई है और जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी. दोषी पाए जाने पर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी."
सवालों के घेरे में कैश पेमेंट
इस घटना ने कैश भुगतान की प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. नियमानुसार, मजदूरों को डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भुगतान किया जाना चाहिए था. नकदी भुगतान की अनुमति क्यों दी गई, यह भी जांच का विषय है.
मामले की जांच जरूरी
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नकली नोट किसने दिए और क्यों. ग्राम प्रधान और वन विभाग दोनों अपनी-अपनी बात पर अड़े हुए हैं. अब यह मामला प्रशासनिक जांच के अधीन है, जिससे यह तय होगा कि कौन दोषी है और कौन बेगुनाह.