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रांची/डेस्क: शराब घोटाले के मामले में मंगलवार को एसीबी ने निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिक जांच (पीई) दर्ज की है. अब आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने से संबंधित पहलुओं की जांच की जाएगी. इस प्रक्रिया में एक चेक पीरियड निर्धारित किया जाएगा, जिसमें यह देखा जाएगा कि कितने धनराशि को वैध तरीके से अर्जित और खर्च किया गया, साथ ही कितनी संपत्तियों की खरीद या निवेश किया गया है.
एसीबी को संदेह है कि शराब घोटाले में शामिल व्यक्तियों ने अवैध तरीके से धन जुटाया है. इसको लेकर एसीबी ने गोपनीय रूप से विनय चौबे, उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता, शीपिज त्रिवेदी, उनकी पत्नी, विनय सिंह, उनकी पत्नी, और दो चार्टर्ड अकाउंटेंट उपेंद्र शर्मा और धनंजय कुमार की संपत्तियों की जांच शुरू की थी. जिससे एसीबी को यह जानकारी मिली थी कि विनय चौबे के करीबी लोगों के पास पांच संपत्तियां और तीन कंपनियां हैं. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में एसीबी ने पीई दर्ज कर आगे की जांच के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा. अनुमति मिलने पर एसीबी ने पीई दर्ज कर जांच प्रक्रिया आरंभ कर दी है.
एसीबी की जांच में एक नया तथ्य सामने आया है कि विनय सिंह द्वारा विनय चौबे की पत्नी स्वप्ना संचिता के बैंक खाते में हर महीने 1.50 लाख रुपये ट्रांसफर किए जाते थे. प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि 2017 से 2023 के बीच विनय सिंह के खाते से लगभग सवा करोड़ रुपये का ट्रांसफर हुआ. जब ईडी ने विनय चौबे के खिलाफ छत्तीसगढ़ शराब घोटाले की जांच शुरू की, तब नेक्सजेन के संचालक विनय कुमार सिंह भी ईडी के रडार पर आ गए, जिसके बाद ये ट्रांसफर रुक गए.
एसीबी ने विनय कुमार सिंह को इस मामले में जानकारी इकट्ठा करने के लिए दो बार नोटिस भेजा, लेकिन वे एक बार भी पूछताछ में उपस्थित नहीं हुए. एसीबी के अधिकारियों के अनुसार, विनय चौबे और उनके आश्रितों की संपत्ति की जांच की जा रही है, साथ ही विनय कुमार सिंह के निवेश के पहलुओं पर भी जांच चल रही है. उल्लेखनीय है कि 20 मई को विनय चौबे को शराब घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था, और तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं.