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रांची/डेस्क: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित साहेबगंज स्कूल में एक क्रिस्टल जैसी वस्तु मिली है, जिसे विषैले गेहूमन सांप से संबंधित माना जा रहा है. इस घटना ने वहां के लोगों में हलचल मचा दी है, क्योंकि इसे नागमणि के रूप में देखा जा रहा है. हालांकि, यह जानना आवश्यक है कि क्या वास्तव में नागमणि जैसी कोई चीज होती है और सांप आमतौर पर कौन सी क्रिस्टलनुमा वस्तुएं छोड़ते हैं.
बता दें कि नागमणि, जिसे "सांप की मणि" के नाम से भी जाना जाता है, एक पुरानी पौराणिक कथा है, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इसका कोई प्रमाण नहीं है. विज्ञान स्पष्ट रूप से बताता है कि सांपों के शरीर में ऐसी कोई मणि या रत्न नहीं होती हैं. हालांकि, कुछ लोगों ने ऐसी मणियों के मिलने का दावा किया है, लेकिन जब इनका परीक्षण किया गया, तो वे असली मणि नहीं निकलीं. वास्तव में, सांप कभी-कभी क्रिस्टल या शीशे जैसे छोटे कण या टुकड़े छोड़ते हैं, जिन्हें लोग मणि समझ लेते हैं.
कुछ सांपों की त्वचा से निकलने वाला प्रोटीनयुक्त बलगम सूखने पर पारदर्शी या चमकदार रूप ले लेता है, जिसे कई लोग गलती से "नागमणि का अंश" समझ लेते हैं, जो कि एक भ्रांति है. अब तक किसी भी वैज्ञानिक अध्ययन में नागमणि जैसी वस्तु का प्रमाण नहीं मिला है. मध्यकालीन यूरोप में भी "सर्पमणि या नागमणि" के बारे में अफवाहें थीं, जिसे जहर को निष्क्रिय करने वाला माना जाता था.