प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: टाटीझरिया प्रखंड क्षेत्र के गांवों में इन दिनों 23 हाथियों के झुंड के कारण लोग दहशत में हैं. हाथियों ने गोधिया निवासी मुंशी मिस्त्री के एक गाय को कुचल कर मार डाला हैं. हाथियों के झुंड ने उनके खेत में लगे गेहूं, चना, सरसो, लहसून, गोभी, आलू की फसल को रौंद डाला और घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया हैं. हाथियों ने गोधिया निवासी शंकर राणा के करीब 30 केले के पौधों को बर्बाद कर दिया. वहीं अमनारी- करमाटांड निवासी ममता देवी के खेत में लगे गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचाया हैं. अमनारी निवासी दामोदर महतो और भूषण महतो का धान व मूली की फसल, मुकेश कुमार का फूलगोभी, मटर, टमाटर की फसल को तहस-नहस कर दिया हैं. हाथियों का झुंड बौधा डैम होते हुए खंभवा के बंशी जंगल पहुंच गए हैं.
इस दौरान हाथी जिधर से भी गुजरे फसलों को बर्बाद करते गए. पश्चिमी वन प्रमंडल और पूर्वी वन प्रमंडल के वनकर्मी मौजूद रहे. शुक्रवार शाम समाचार लिखे जाने तक हाथी बंशी जंगल में थे. ज्ञात हो कि गांव में हाथी ना घुसे इसके लिए ग्रामीण एकजुट होकर रतजगा करने के लिए विवश हैं. इन दिनों हाथियों के झुंड टाटीझरिया इलाके के केसडा, घुघुलिया, डहरभंगा, बौधा, गोधिया, अमनारी, खंभवा, बांडीह समेत आसपास क्षेत्र में लोगों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हाथियों के आतंक से परेशान लोग मुआवजे और राहत की गुहार लगा रहे हैं. धनकटनी के ऐन वक्त पर हाथी खेतों में खड़ी फसलों को रौंद रहे है, मवेशी को कुचल रहे है और मकानों को ध्वस्त कर रहे हैं. हाथियों के दहशत से लोग रातें जागकर काट रहे हैं.
हाथियों के झुंड ने भेलवारा के कई गांवों में खलिहान में रखे धान को खाया, ग्रामीणों में दहशत
सदर प्रखंड क्षेत्र के भेलवारा पंचायत के कई गांवों के निकट हाथियों का झुंड तीन दिनों से विचरण कर रहे हैं. इस दौरान खेत खलिहान में रखे धान को खा गए. हाथियों को खेत खलिहान में धान खाते देख किसी ग्रामीण को हिम्मत नही हुआ की उसे खदेड़े. ग्रामीण रात भर दहशत में रहें. हाथियों के इस झुण्ड ने सलैया, बोचो, बभनी समेत आसपास के खेत खलिहान में रखे धान को खाया और बर्बाद किया. जिसके बाद यह झुण्ड पास के जंगल में चला गया. शुक्रवार को तीन बड़े और एक छोटा हाथी को सीतागढ़ के कारी पत्थर जंगल में देखा गया हैं. कई वनरक्षी सीतागढ जंगल में हाथियों की गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं. वहीं हाथी खदड़ने वाली टीम भी उसी जंगल में हैं. वनरक्षी मुकेश कुमार ने बताया कि फिलहाल चार हाथी कारी पत्थर जंगल में हैं.