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रांची/डेस्क: दिल्ली और नई दिल्ली, दो नाम, लेकिन बहुत अंतर. क्या आपको पता है कि ये दोनों जगहें एक-दूसरे से अलग हैं, हालांकि अक्सर हम इन्हें एक ही मान लेते हैं? आइए, हम आपको बताते हैं दिल्ली और नई दिल्ली के बीच के रोचक अंतर को.
दिल्ली का इतिहास 600 ई.पू. से जुड़ा हुआ है, जब यह एक प्रमुख सांस्कृतिक और राजनीतिक केंद्र हुआ करती थी. वहीं, नई दिल्ली का जन्म 1911 में हुआ, जब अंग्रेजों ने इसे भारत का नया प्रशासनिक केंद्र बनाने का फैसला किया. इस समय से दिल्ली और नई दिल्ली दोनों ही भारत के इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन उनका रूप और कार्यक्षेत्र अलग है.
दिल्ली, जिसे हम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के नाम से जानते हैं, कुल 11 जिलों में बांटी गई है. इनमें से एक जिला है—नई दिल्ली. यानी, नई दिल्ली दिल्ली का ही एक हिस्सा है. दिल्ली हरियाणा और उत्तर प्रदेश से घिरी हुई है, जबकि नई दिल्ली केवल दिल्ली के जिलों से ही जुड़ी हुई है. दिल्ली का क्षेत्रफल 46,208 वर्ग किलोमीटर है, जबकि नई दिल्ली महज 42.7 किलोमीटर में फैली हुई है.
दिल्ली एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक केंद्र है, जहां विभिन्न सभ्यताओं के अवशेष और विशाल स्मारक मौजूद हैं. दूसरी ओर, नई दिल्ली आधुनिकता की प्रतीक है, जहां खूबसूरत बग़ीचे, आलीशान सरकारी इमारतें और सुंदर सड़कें देखने को मिलती हैं. दिल्ली का आकार बड़ा होने के कारण यहां की आबादी भी विविधतापूर्ण है, लेकिन नई दिल्ली में ज़्यादातर सरकारी अधिकारी रहते हैं.
दिल्ली का विकास प्राचीन काल से हुआ, जबकि नई दिल्ली को अंग्रेजों ने अपनी नई राजधानी के रूप में बसाया. यही वजह है कि दिल्ली में जहां ऐतिहासिक धरोहरें हैं, वहीं नई दिल्ली में ब्रिटिशकालीन और आधुनिक स्थापत्य कला का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है. दिल्ली एक विशाल केंद्रशासित प्रदेश है, जबकि नई दिल्ली भारत की राजधानी है, जहां देश की सरकार के सबसे महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. तो अगली बार जब आप दिल्ली और नई दिल्ली का नाम लें, तो ये अंतर जरूर ध्यान में रखें.