विकास कुमार गौतम/न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: डार्क वेब इंटरनेट की ऐसी दुनिया है जो सामने से दिखती नहीं है, लेकिन उसका अस्तित्व बहुत है. डार्क वेब को सर्च इंजन द्वारा इंडेक्स नहीं किया जाता है. डार्क वेब की इस दुनिया में पहुंचना आसान नहीं है. इंटरनेट की इस डार्क साइड का इस्तेमाल अधिकतर गैर-कानूनी कामों के लिए किया जाता है. डार्कवेब पर .onion जैसे एक्सटेंशन का इस्तेमाल किया जाता है. डार्क वेब पर ना जाने कितनी साइट्स हैं. इस वेब में लोगों का चुराया हुआ डेटा मौजूद होता है जिसे इलीगल तरीके डार्क वेब पर बेचा भी जाता है.
डार्क वेब पर हुआ था UGC NET परीक्षा पेपर लीक
सहायक प्रोफेसर, जूनियर रिसर्च और PHD छात्रों के चयन के लिए आयोजित होने वाली UGC-NET परीक्षा डार्क नेट हुई थी. जिसकी चर्चा शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भी की है. उन्होने कहा कि परीक्षा का पेपर डार्कनेट पर लीक हो गया था. ये आसानी से टेलीग्राम जैसे ऐप पर उपलब्ध थे, जिसकी कीमत 500 से 5000 रुपए में थी. जिसके बाद शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी-नेट की परीक्षा रद्द कर दी थी.
डार्क नेट और डार्क वेब में अंतर
डार्क नेट और डार्क वेब ये दोनों शब्दों का उपयोग कई बार एक ही आशय में किया जाता है लेकिन इनके अर्थ एक दूसरे सो थोड़ा अलग है डार्क नेट, इंटरनेट पर निर्मित एक नेटवर्क है. जबकि डार्क वेब, डार्क नेट पर उपस्थित वेबसाइटों को दर्शाता है.
CSIR-UGC-NET की परीक्षा स्थगित
25 से 27 जून को होने वाली CSIR-UGC-NET की परीक्षा स्थगित कर दी गयी है. परीक्षा स्थगित की वजह संसाधनों की कमी. NTA जल्द ही नई तारीख का एलान करेगा.NTA ही इस परीक्षा को कराता है.