न्यूज11 भारत
रांची: गर्मी के साथ स्कूलों में पेयजल का संकट भी गहरा गया है. विद्यालयों में पानी के बिना बच्चे हलकान हो रहे हैं. बच्चों को प्यास बुझाने के लिए अपने घर से बोतल में पानी लाना पड़ता हैं. जिम्मेदारों की अनदेखी से खराब दर्जन भर विद्यालयों के नल ठीक नहीं हो पा रहे हैं. वहीं, धनबाद जिले के कई स्कूलों में पानी की समस्या देखने को मिल रहा हैं. जहां का चापाकल सूख गए हैं या किसी कारण से बंद है. कलियासोल प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय लखियाबाद में पानी की घोर समस्या से जूझ रहे हैं. स्कूल परिसर में एक चापाकल लगा है, लेकिन उससे एक बूंद भी पानी नहीं निकलता हैं सभी छात्र-छात्राएं घर से बोतल में पीने का पानी लेकर आते है ताकि प्यास बुझाई जा सके.
मध्याह्न भोजन बनाने के लिए नदी से लाया जाता हैं पानी
बता दें, वहीं मध्याह्न भोजन बनाने के लिए गांव के निजी कुआं या खुदिया नदी से साइकिल में गैलन बांधकर पानी लाना पड़ता हैं, मध्याह्न भोजन खाने के बाद बच्चे प्लेट धोने के लिए स्कूल से करीब 200 मीटर दूर तालाब में जाते हैं. स्कूल में कुल नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 341 हैं.
प्रभारी प्रधानाध्यापक बबलू कुमार पाल ने बताया कि स्कूल परिसर में 2 चापाकल लगे हैं, गर्मी के दिनों में स्कूल में पानी की समस्या से विभागीय पदाधिकारी को कई बार अवगत कराया गया हैं. आशा है कि जल्द ही इस मामले में संज्ञान लिया जाएगा. बीडीओ ने मध्य विद्यालय से एक पानी का कनेक्शन उच्च विद्यालय में दिया है, लेकिन मध्य विद्यालय में पानी की ज्यादा जरूरत रहने के कारण उच्च विद्यालय को कभी-कभार ही पानी मिलता हैं.