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रांची/डेस्क: झारखंड के खूंटी-तोरपा-कोलेबिरा मार्ग पर पेलौल गांव के समीप बनाई नदी पर पुल के टूटे मंगलवार को पूरे दो महीने हो गए, लेकिन अबतक न तो डायवर्सन बना और न ही नए पुल का निर्माण कार्य शुरू हो सका और इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने केक काटकर विरोध जताया. पिछले 19 जून 2025 को पुल ध्वस्त होने के बाद से ग्रामीण लगातार परेशान हैं. इसलिए अब केक काटकर विरोध जताया हैं. ग्रामीणों का कहना था कि आंदोलन करने पर मुकदमा दर्ज होने का डर होता हैं, इसलिए ग्रामीणों ने इस बार विरोध का नया तरीका अपनाया.
नदी पार करना स्कूली बच्चों के लिए एक चुनौती बन गया
पूल टूटने के बाद से किसान, स्कूली बच्चे, गर्भवती महिलाएं, मरीज, व्यापारी और वाहन चालक सभी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं. नदी पार करना स्कूली बच्चों के लिए एक चुनौती बन गया हैं, वहीं गर्भवती महिलाओं और आपात स्तिथि के मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाना बहुत कठिन हो गया हैं. खाद-बीज और अपनी उपज ढोने में किसानों को समस्या हो रही है, जबकि दुकानदारों और व्यापारियों की रोजी रोटी पर संकट गहराता जा रहा हैं.
पुल टूटने के बाद कई नेताओं ने दौरा कर आश्वाशन दिया
ग्रामीणों ने जानकारी दी कि पुल टूटने के बाद कई नेताओं ने दौरा कर आश्वाशन दिया. खूंटी के स्थानीय विधायक राम सूर्या मुंडा ने तो डायवर्सन निर्माण का शिलान्यास भी किया था, लेकिन सावन की पहली सोमवारी तक कार्य शुरू करने का वादा खोखला साबित हुआ. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द विभाग की ओर से डायवर्सन का काम शुरू नहीं हुआ, तो वे खुद श्रमदान कर सीमेंट की बोरियों से नदी पर अस्थायी रास्ता तैयार करेंगे. उनका कहना है कि रोजमर्रा की समस्याओं से अब जीना मुहाल हो चूका हैं, लेकिन प्रशासन और शासन पूरी तरह खामोश हैं. केक काटकर विरोअध जताने वालों में बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.