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रांची/डेस्क: ला नीना से भारत में सामान्य से अधिक बारिश होगी, इसका तो अनुमान मौसम विभाग ने पूर्व में ही लगा दिया था, लेकिन ऐसी असामान्य बारिश होगी, इसका अनुमान किसी को नहीं था. पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. मेघ उत्तर को तो मानों तबाह करने पर तुले हुए हैं, लेकिन महाराष्ट्र भी कम नहीं है, यहां तो बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ने का इरादा कर लिया है. पूर्वोत्तर के राज्यों में भी लगातार बारिश हो रही है. वहीं दक्षिण भारत के कई राज्यों से भी बारिश की खबरें आ रही हैं. उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कई हिस्से तेज बारिश की चपेट में है, इससे जनधन की हानि तो हो रही रही है, जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हो गया है.

उत्तर भारत की बात करें तो उत्तराखंड और हिमाचल के बाद बादलों ने जम्मू कश्मीर का रुख कर लिया है. जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़, कठुआ और कूपवाड़ा में बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा रखी है, किश्तवाड़ में एक बार फिर बादल फटा है. बादल फटने की ताजा घटना के बाद आये बाढ़ और भूस्खलन में 70 लोगों के लापता होने की खबर आ रही है. बताया तो यह जा रहा है कि इनके बचने की उम्मीद बहुत कम है. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी स्वीकार किया कि किश्तवाड़ के चशोती में बादल फटने के बाद 70 लोग अभी भी लापता हैं. उन्होंने कहा कि उनको जिंदा रहना मुश्किल है, फिर भी उनके तलाश क कोशिशें जारी हैं.
मुम्बई में हो रही रिकॉर्ड तोड़ बारिश
उधर महाराष्ट्र में लगातार चार दिनों से बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने अभी महाराष्ट्र को बारिश से राहत नहीं मिलने की उम्मीद जतायी है. मौसम विभाग ने तो 18 और 19 अगस्त को 300 मिलीमीटर बारिश दर्ज की है. मुंबई और आसपास के इलाकों में चार दिनों में 500 मिलीमीटर बारिश होने का अनुमान जताया है. सिर्फ मुम्बई की बात करें तो मंगलवार को विक्रोली में 255.5 मिलीमीटर, बायकुला में 241.0 मिमी, सांताक्रूज में 238.2 मिमी, जुहू में 221.5 मिमी, बांद्रा में 211.0 मिमी, कोलाबा में 110.4 मिमी और महालक्ष्मी में 72.5 मिमी बारिश दर्ज की गयी है. महाराष्ट्र में भारी बारिश के कारण 6 लोगों की मौत की भी खबर है. एनडीआरएफ की टीमें जगह-जगह राहत और बचाव कार्यों में लगी हुई हैं। एनडीआरएफ की टीमों ने 300 लोगों को बचाया भी है.
मुम्बई की तो हालत ऐसी है कि जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. सड़क और ट्रेन मार्गों पर बुरा असर पड़ा है. सड़क और रेल मार्गों पर पानी ही पानी दिखाई दे रहा है. सायन, मुंबई सेंट्रल और दादर, माटुंगा, परेल और के निचले इलाकों में रेल पटरियों पर पानी भरने से लोकल ट्रेनों का भी चलना मुश्किल हो गया है. हार्बर लाइन पर तो लोकल ट्रेनें निलंबित कर दी गयी है. स्कूल कॉलेज तो बंद कर ही दिये गये हैं, कई ऑफिसों के काम घरों से (Work from Home) से किये जा रहे हैं.
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