मुजतबा हैदर रिजवी/ न्यूज11भारत
जमशेदपुर/डेस्क: टाटा से बक्सर के बीच चलने वाली टाटा बक्सर एक्सप्रेस ट्रेन की समय सारणी से यात्री परेशान हो गए हैं. यात्रियों का कहना है कि ट्रेन का समय टाटानगर से सुबह 8:30 रवाना होकर रात 10:50 बजे बक्सर पहुंचने का है. लेकिन ज्यादातर यह ट्रेन काफी लेट पहुंचती है. ट्रेन रात 11:30 से लेकर 12:30 बजे के करीब बक्सर पहुंचती है. यात्रियों का कहना है कि बक्सर का इलाका ग्रामीण इलाका है. बक्सर से ग्रामीण इलाकों में अपने घरों को जाने के लिए लोगों को वाहन नहीं मिलता. यात्रियों का कहना है कि इस ट्रेन से उत्तर प्रदेश के बलिया, गाजीपुर, जौनपुर और बक्सर के आसपास के जिलों के लोग सफर करते हैं. इसलिए समय सारणी ऐसी होनी चाहिए की ट्रेन दिन को ही बक्सर पहुंच जाए और बक्सर से लोग आराम से अपने घर के लिए वाहन पकड़ सकें. बक्सर जिला के बरहामपुर के रहने वाले सुमित कुमार गोलमुरी में रहते हैं. उन्होंने बताया कि वह इस ट्रेन से बक्सर पहुंचे. लेकिन, देर रात पहुंचने की वजह से उन्हें गांव जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिला. सारी रात रेलवे स्टेशन पर ही गुजारनी पकड़ी.
रात को बक्सर रेलवे स्टेशन पहुंचने में दिक्कत
यात्रियों का कहना है कि टाटा बक्सर ट्रेन बक्सर से रात 3:30 बजे रवाना होती है. विश्व विकास भोजपुरी परिषद के मुन्ना चौबे बताते हैं कि शायद ही कोई रेलवे स्टेशन हो जहां से रात 3:30 बजे कोई ट्रेन रवाना होती हो. इसलिए यात्री परेशान होते हैं. जौनपुर, गाजीपुर, बलिया आदि बक्सर के आसपास के जिले के जो यात्री टाटानगर आना चाहते हैं. उन्हें या तो एक दिन पहले रेलवे स्टेशन पर आना पड़ता है और सारी रात रेलवे स्टेशन पर गुजारनी पड़ती है. इसलिए ट्रेन की समय सारणी बदली जाए और बक्सर से यह ट्रेन ऐसे समय रवाना की जाए कि ग्रामीण इलाकों और आसपास के जिलों के लोग आसानी से रेलवे स्टेशन पहुंच सकें. बक्सर के नवानगर के रहने वाले राजेश दुबे बताते हैं कि उन्हें टाटानगर आना था. उन्होंने बक्सर से टाटा के लिए बक्सर टाटा ट्रेन पकड़नी थी. वह शाम को 5:00 बजे बक्सर पहुंच गए और रात भर रेलवे स्टेशन पर गुजरी. तब जाकर वह टाटा बक्सर ट्रेन पकड़ पाए.
ट्रेन में पेंट्री कार नहीं होने से दिक्कत
टाटा बक्सर ट्रेन में पेंट्री कार नहीं होने से भी मुसाफिरों को काफी दिक्कत होती है. उन्हें रास्ते में खाना नाश्ता नहीं मिल पाता. रेलवे स्टेशन पर उतर कर सामान खरीदने में ट्रेन छूटने का खतरा रहता है. बारीडीह के रहने वाले रोशन कुमार ने बताया कि वह टाटा से बक्सर गए थे. वह घर से खाने पीने का सामान लेकर नहीं गया था. सोचा था कि ट्रेन में खाने पीने का सामान मिलेगा. लेकिन कहीं पैंटी कार नहीं होने से कहीं कुछ नहीं मिला. यात्रियों की मांग है कि इस ट्रेन में पेंट्री कार का भी इंतजाम किया जाए.