पंकज कुमार/न्यूज़11 भारत
गुमला/डेस्क: विगत सात दशक से अधिक समय से रामनवमी का जुलूस अनवरत निकाला जाता था,लेकिन गत दुर्गा पूजा में पुलिस कार्रवाई से भयभीत ग्रामीणों ने रामनवमी नहीं मनाने का निर्णय लिया गया. उक्त निर्णय हाई स्कूल मैदान में बैठक के उपरांत सर्वसम्मति से लिया गया.बैठक में इस विषय पर चर्चा हुई की पिछले दुर्गा पूजा में चंदा को लेकर हुए प्रकरण में पुलिस द्वारा द्वेषपूर्ण कार्रवाई से भयभीत होकर रामनवमी का जुलूस नहीं निकला जाएगा. किसी भी तरह का मेला या जुलूस का आयोजन घाघरा में नहीं होगा.
पुलिस द्वारा जितने भी लोग वीडियो फुटेज में दिख रहे हैं. उन सभी को आरोपी बनाने का काम किया गया है. रामनवमी के जुलूस के दौरान पारंपरिक हथियार के साथ लोग रहते हैं. यदि किसी असामाजिक तत्वों या किसी के द्वारा कुछ अनहोनी होती है तो पुनः भुक्तभोगी बनने की संभावना से इनकार न किये जाने की बात कही गयी. अब तो बहुतेरे लोग शांति समिति की बैठक में जाना भी मुनासिब नही समझ रहे. बैठक में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से बताया कि दुर्गा पूजा के दरमियान पुलिस की लापरवाही से पूरी घटना घटी थी. उन्होंने कहा कि थाना में सुरक्षित जगह में नहीं रखा गया.साथ ही घटनास्थल पुलिस अधिकारी सादे लिबास में पहुँचे थे. जिस कारण लोग उन्हें पहचान नहीं पाए. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई के बजाय कई निर्दोष लोगों को फसाया जा रहा है.
बैठक में बिपिन बिहारी सिंह, अशोक उरांव, रमेश गुप्ता, अखिलेश्वर साहू, नीरज जायसवाल, अमित ठाकुर, प्रवीण कुमार, दिनेश नाग, विक्की साहू, सूचित गोस्वामी, नीरज कुमार, मुकेश कुमार, संतोष गुप्ता, प्रभात साहू, सुलेश्वर साहू, परमेश्वर साय, नीरज कुमार साहू, घनश्याम सिंह, रामु सिंह, सुनील कुमार, वीरेंद्र कुमार, सुदन महतो, विशाल साहू, पवन कुमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे.