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रांची/डेस्क: शादी-ब्याह का मौसम है, और इस सीजन में कई अजीबो-गरीब घटनाएं भी सामने आ रही हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के चंबल से एक शादी कार्ड ऐसा वायरल हो रहा है, जिसने सबका ध्यान खींच लिया है. इस कार्ड में कुछ ऐसा लिखा है, जो शादियों के मामले में अब तक किसी ने नहीं सुना होगा.
दरअसल, भिंड जिले के गोहद के खनेता धाम मंदिर के महंत राम भूषण दास के भतीजे गणेश की शादी का कार्ड सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है. शादी का कार्ड तो आमतौर पर दूल्हा-दुल्हन के नाम और शादी की तारीख के साथ ही भेजा जाता है, लेकिन इस कार्ड में एक अनोखी शर्त छपी है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है.
क्या लिखा है इस कार्ड में?
शादी के इस कार्ड पर दूल्हे के परिवार ने करबद्ध निवेदन करते हुए लिखा है - "हमारे यहां दो परिवारों के बीच प्रेम के संबंध होने जा रहे हैं, लड़ाई झगड़ा नहीं. कृपया शादी समारोह में हथियार लेकर ना आएं." चंबल की शादियों में हथियारों का उपयोग और हर्ष फायरिंग एक सामान्य बात मानी जाती है, लेकिन अब इस परिवार ने इस पर सवाल उठाया है.
समाज को जागरूक करने की पहल
यह कदम परिवार ने सिर्फ मजाक के तौर पर नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने के लिए उठाया है. परिवार के सदस्य ने बताया कि ग्वालियर-चंबल में बंदूक को शान का प्रतीक माना जाता है, और शादियों में हर्ष फायरिंग करना भी आम बात है. लेकिन कभी-कभी यही हर्ष फायरिंग खुशियों को मातम में बदल देती है. इस वजह से कई बार शादियों में हादसे भी हो चुके हैं, और परिवार चाहता है कि अब यह कुरीति खत्म हो. गणेश की शादी 6 दिसंबर को होनी है, और इस शादी के कार्ड पर बंदूक न लाने की अपील करने के पीछे परिवार की यही सोच है कि लोग समझें और समाज में बदलाव लाने के लिए कदम उठाएं.
क्या है इस कदम की खासियत?
यह कार्ड इस समय सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. कुछ लोग इस पहल की तारीफ कर रहे हैं, तो कुछ लोग इसे मजाक के तौर पर ले रहे हैं. लेकिन जिस तरह से इस कार्ड ने चंबल के पारंपरिक रिवाजों को चुनौती दी है, वह अपने आप में एक बड़ा संदेश देता है. यह दिखाता है कि बदलाव के लिए किसी घटना का होना जरूरी नहीं, कभी-कभी बदलाव की शुरुआत एक छोटे से कदम से भी हो सकती है.