न्यूज़11 भारत
लातेहार/डेस्क: लातेहार जिले के चंदवा में थैलेसीमिया रोग से ग्रसित छात्र की मौत हो गई है. क्रिएटिव एकेडमी स्कूल के विद्यार्थी अभिमन्यु राम (11 वर्षीय) पिता स्व. संतोष राम (कुसुमटोली चंदवा) की मौत रांची के रानी चिल्ड्रेन नामक अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. मृतक अभिमन्यु राम थैलेसीमिया नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित था.
परिजनों का आरोप है कि अभिमन्यु की मौत एक निजी विद्यालय के शिक्षक के द्वारा प्रताड़ित किए जाने के बाद तबीयत बिगड़ने से हुई है. मामले को लेकर मृतक छात्र के परिजन मंगलवार की सुबह विद्यालय पहुंचे और विद्यालय प्रबंधन पर मौत का जिम्मेवार होने का आरोप लगाते हुए जमकर बवाल काटा. घटना की सूचना के बाद अंचलाधिकारी जयशंकर पाठक, बीडीओ चंदन प्रसाद व शिक्षा विभाग की टीम मृतक बच्चे के परिवार के घर पहुंचे व पूरे मामले की जानकारी ली.
परिजनों ने बताया कि अभिमन्यु व उसकी बहन आवनी कुमारी (10 वर्ष) दोनों निजी विद्यालय में पढ़ाई करते थे. दोनों भाई बहन थैलेसीमिया रोग से ग्रसित है, जिस कारण प्रत्येक 2 महीने में (डायलिसिस) कर रक्त चढ़ना पड़ता है, बीते 4-5 अगस्त को ही अभिमन्यु का रांची में डायलिसिस हुआ था, जिसके बाद वह 7 अगस्त बुधवार को स्कूल गया था, जहां किसी बात को लेकर शिक्षक के द्वारा दंडित करते हुए लगभग आधे घंटे तक मुर्गा बनाकर रखा था. इसके बाद गुरुवार से बच्चे की तबीयत बिगड़ गई, इसके बाद अभिमन्यु के दादा व रिश्तेदार उसे लेकर रांची गए लेकिन गुरु नानक अस्पताल में बच्चों को एडमिट करने से मना कर दिया, तबीयत बिगड़ता देख बच्चे को लेकर परिजन अनान-फानन में रांची के रानी चिल्ड्रंस लेकर गए. जहां इलाज के दौरान में बच्चों ने 12 अगस्त को दम तोड़ दिया.
आपको बता दें कि मृतक अभिमन्यु राम के पिता स्व. संतोष राम की मौत लगभग 10साल पूर्व हो चुकी है, मां की भी बीमार है, जिस कारण बच्चे अपने दादा कैलाश राम के साथ रह कर किसी प्रकार पढ़ाई कर रहे थे. अभिमन्यु के मौत के बाद कैलाश राम के वंश का अंतिम दीपक भी बुझ गया. परिजनों की बातों को सुनने के बाद अधिकारियों ने शिक्षा विभाग को तत्काल विद्यालय प्रबंधन को तलब करते हुए पूछताछ के लिए बुलाने का निर्देश दिया गया. अधिकारियों ने कहा कि पूरे मामले की जांच निष्पक्षता से की जाएगी.
मामले को लेकर पूछे जाने पर विद्यालय के प्रबंधक मनु गुप्ता ने बताया कि विद्यालय प्रबंधन की पूरी सहानुभूति मृतक के परिजनों के प्रति है और हर संभव मदद भी की जा रही है. बच्चों के मौत मामले में आरोप निराधार है, विद्यालय प्रबंधन की ओर से कोई गलत नहीं किया गया है, पहले से ही बच्चा गम्भीर बीमारी से ग्रसित था.