श्यामानंद सिंह/न्यूज 11 भारत
भागलपुर/डेस्क: बिहार में चल रही वोटर वेरिफिकेशन प्रक्रिया को रोकने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. अदालत ने फिलहाल इस प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है जिससे SIR की प्रक्रिया अब जारी रहेगी.सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि मतदाता सत्यापन के लिए आधार कार्ड,मतदाता पहचान पत्र, और राशन कार्ड को वैध पहचान दस्तावेज माना जाना चाहिए. हालांकि यह चुनाव आयोग के विवेक पर निर्भर करेगा कि वह किन दस्तावेजों को स्वीकार करता है. कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि यदि इन दस्तावेजों को बाहर रखा जाता है तो चुनाव आयोग को न्याय के हित में इसका स्पष्ट कारण दर्ज करना होगा.
कोर्ट ने यह भी कहा कि 11 पहचान दस्तावेजों की जो सूची दी गई है वह अंतिम नहीं मानी जा सकती और आधार कानून के तहत अन्य दस्तावेज भी मान्य हैं. मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को होगी.इस मुद्दे पर भागलपुर के कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा अगर चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया करनी ही थी तो वह लोकसभा चुनाव से पहले करता. अब यह आम जनता के वोट को बर्बाद करने की साजिश लगती है. चुनाव आयोग जनता के साथ अन्याय कर रही है.
यह भी पढ़ें: उत्कृष्ट कार्य करने वाले बरवाडीह के सीएससी संचालक अख्तर खान रांची में हुए सम्मानित, क्षेत्र में खुशी की लहर