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रांची/डेस्क: आवारा कुत्तों का आतंक शहर से लेकर गांव-देहात तक फैला हुआ है. जिसकी वजह से बच्चें हो या बुजुर्ग सभी को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अब आवारा कुत्तों के हमलों के अलावा रेबीज से होने वाली मौतों की घटनाओं को लेकर स्वतः संज्ञान लेते हुए चिंता जताई हैं. आवारा कुत्तों की ओर से छोटे बच्चों को लगातार निशाना बनाने के मामले सामने आ रहे हैं.
आवारा कुत्तों और रेबीज की बीमारी छोटे बच्चों की जान ले रही
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक समाचार रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लिया है, जिसमें बताया गया है कि देश के कई हिस्सों में आवारा कुत्तों के हमले और रेबीज की बीमारी से छोटे बच्चों की जान जा रही हैं. रिपोर्ट में यह चिंता व्यक्त की गई है कि लगातार यह सारी घटनाएं बढ़ रही हैं, और ये मामला सार्वजनिक स्वास्थ्य तथा सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही हैं.
परेशान करने वाले तथ्य
जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा कि यह अत्यंत चिंताजनक है कि हाल ही के समाचार रिपोर्टो में बताया गया है कि शहर आवारा कुत्तों की समस्या से जूझ रहा है, और इसमें सबसे बुरी बात यह है कि इससे सबसे ज्यादा दिक्कत मासूम छोटे बच्चों को हो रही हैं. इस स्तिथि के तथ्य न केवल परेशान करने वाले हैं, बल्कि त्वरित कार्यवाई की मांग भी करते हैं. इस मामले को CJI की बेंच को सुप्रीम कोर्ट ने सौंप दिया हैं.
छोटे बच्चे और बुजुर्ग हो रहे शिकार
हाल ही में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से आवारा कुत्तों के हमलें की कई चिंताजनक घटनाएं सामने आई हैं. रेबीज जैसी खतरनाक बीमारी इन हमलों की वजह से बढ़ते जा रहे हैं, जिसका शिकार खास तौर पे छोटे बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं. दिन प्रति दिन हालात गंभीर होते जा रहे हैं, जिससे लोगों के अंदर डर और असुरक्षा का माहौल बन गया हैं. शहरों में भीड़ बढ़ रही है और इसी कारनवश जगह की कमी हो रही है और शोर इन्हें हिंसक बना रहे हैं.