आशीष शास्त्री / न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः सिमडेगा में लाइफ लाइन कही जाने वाली सड़कें लोगों के मौत का कारण बन रही हैं. यहां एक बार फिर से सड़क हादसों में अप्रत्याशित रूप से इजाफा होने लगा है और सड़कें खून से लाल होने लगी है.
सिमडेगा की लाइफ लाइन सड़कें कातिलाना अंदाज में आ गई है पिछले दो महीने में अबतक दो दर्जन से अधिक सड़क हादसे हुए है इन सड़क हादसों ने करीब डेढ़ दर्जन लोगों के जीवन को समाप्त कर दी है. सिमडेगा में इन दिनों सड़क हादसों के ग्राफ तेजी से बढ़ने लगे हैं. शायद ही कोई ऐसा दिन बीतता है, जब यहां की सड़क खून से लाल नहीं होती. सड़क हादसों के सिर्फ सरकारी आंकड़ों की माने तो इस वर्ष सिर्फ जनवरी माह में 10 से अधिक सड़क हादसे हुए हैं. जिसमे 08 लोगों की जान चली गई. जबकि फरवरी माह में 17 फरवरी तक 12 से अधिक सड़क हादसे हो चुके हैं. जिसमे 06 लोगों की जान चली गई है. ये आंकड़े, ये बताने के लिए काफी हैं कि सिमडेगा की सड़के किस तरह हत्यारा बनकर रफ्तार का कहर बरपा रही है.
परिवहन विभाग विभाग की माने तो पहले की अपेक्षा सड़क दुर्घटनाओं में बीच में अंकुश लगा था. लेकिन फिर से हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाएं बड़ी है. परिवहन विभाग लगातार इस पर अंकुश लगाने का प्रयास में जुटा हुआ है, जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं. लेकिन भी सड़क हादसों को रोकने में यह सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. इसका सबसे बड़ा कारण है कि यहां लोग वाहन चलाने के दौरान सड़क सुरक्षा नियमों का ईमानदारी पूर्वक पालन नहीं करते हैं. जिले के कई दुर्घटना प्रभावित क्षेत्रों में परिवहन विभाग द्वारा कई उपाय किए गए. जैसे वहां समय-समय पर स्पीकर के माध्यम से लोगों को अलर्ट रहने की सूचना दी जाती है. जिससे उन क्षेत्रों में तो दुर्घटनाएं घटी है, लेकिन नए-नए स्थान में फिर से दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है. परिवहन विभाग लगातार पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के प्रयास कर रही है.
जिले में नशे का प्रयोग भी काफी मात्रा में किया जाता है जो यहां सड़क हादसों का मुख्य कारण बनती है. डीटीओ ओमप्रकाश यादव ने बताया कि परिवहन विभाग के द्वारा समय-समय पर वाहन जांच करने के दौरान नशे में वाहन चला रहे लोगों पर फाइन किया जाता है. बावजूद इसके लोग नशापान कर वाहन चलाने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिसका नतीजा सड़क पर दुर्घटना के रूप में सामने आते हैं. इधर परिवहन विभाग के साथ-साथ सिमडेगा पुलिस भी लगातार वाहन जांच अभियान चलाकर लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का काम कर रही है. लेकिन यहां के लोग पुलिस की इन बातों को एक कान से सुनकर दूसरे कान से बाहर निकालकर मनमाने तरीके से वाहन चलाने लगते हैं. जिससे दुर्घटनाएं बढ़ने लगी है. एसपी सौरभ ने बताया है कि सिमडेगा पुलिस जल्द ही सिमडेगा में एक ट्रैफिक थाना भी खोलेगी. जिससे यहां की सड़क दुर्घटनाओं पर कमी लाया जा सकेगा.
प्रशासन और पुलिस लाख प्रयास कर लें, लेकिन दुर्घटनाओं पर अंकुश तभी लगेगा, जब जिलावासी ईमानदारी पूर्वक सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे तब सड़क पर फिर से किसी की जान नहीं जाएगी.