संतोष श्रीवास्तव /न्यूज़ 11भारत
पलामू /डेस्क: पलामू केमिस्टस एंड ड्रगिस्ट्स फेडरेशन ने मेदिनीनगर के स्थानीय विधायक आलोक चौरसिया से उनके शाहपुर स्थित आवास पर मुलाकात की. फेडरेशन के पदाधिकारियों ने विधायक को जिले में औषधि व्यवसाय पर हो रही एकतरफा कार्रवाईयों से अवगत कराया. उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले एक वर्ष से औषधि प्रशासन नए-नए कानूनों का भय दिखाकर खुदरा और थोक दवा व्यवसायियों का "दोहन" कर रहा है. दवा व्यवसायियों को लगातार पत्राचार, स्पष्टीकरण, नोटिस, निलंबन और बर्खास्तगी के नाम पर डराया और धमकाया जा रहा है, जिससे उनके बीच भय का वातावरण व्याप्त है..
बड़े प्रतिष्ठानों पर कार्रवाई से दवाओं की उपलब्धता पर संकट
फेडरेशन ने बताया कि हाल ही में एक दर्जन से अधिक पुराने और प्रतिष्ठित थोक व खुदरा व्यवसायियों को नोटिस जारी कर एक से दो महीने के लिए निलंबित करने का आदेश दिया गया है. दुखद बात यह है कि इन पत्रों में "व्यापारिक स्वतंत्रता पर हमला करते हुए पुलिसिया कार्रवाई की धमकी" भी दी गई है, ऐसा आदेश पहले कभी नहीं मिला था. मेदिनीनगर के प्रतिष्ठित दवा प्रतिष्ठान जैसे अमित मेडिकल एजेंसी, आण्विका डिस्ट्रीब्यूटर, सिद्धार्थ मेडिकल एजेंसी, श्री भवानी फार्मा, सुमित्रा मेडिकल एजेंसी और शाहपुर के आदर्श मेडिकल एजेंसी व बुलबुल मेडिकल एजेंसी को 60 दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है.
फेडरेशन ने चिंता जताई कि ऐसे बड़े प्रतिष्ठानों के बंद होने से पलामू जैसे जिले में जीवन रक्षक वैक्सीन और अन्य महत्वपूर्ण दवाओं की उपलब्धता पर संकट उत्पन्न हो गया है. कई दवा एजेंसियों के पास ऐसी दवाइयां होती हैं जो केवल उन्हीं प्रतिष्ठानों से पूरे जिले में सप्लाई होती हैं. इस अराजक स्थिति में दवाइयों की आपूर्ति बाधित होने से आम जनता के समुचित इलाज में बाधा उत्पन्न होगी.
विधायक ने दिया आश्वासन, आंदोलन की चेतावनी
फेडरेशन के पदाधिकारियों ने विधायक से जनहित को देखते हुए पलामू जिले में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए अपने स्तर से कार्रवाई करने की मांग की. उन्होंने विधायक से आग्रह किया कि औषधि प्रशासन की कार्रवाई से उत्पन्न भय के माहौल से दवा व्यवसायियों को निजात दिलाई जाए.
इस पर विधायक आलोक चौरसिया ने आश्वासन दिया कि वे संबंधित औषधि प्रशासन, जिले के उपायुक्त और राज्य के सचिव से मिलकर इस मामले पर बात करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि "अगर औषधि प्रशासन दवा व्यवसायियों के विरुद्ध गलत कार्रवाई कर रहा है तो उन औषधि प्रशासन के पदाधिकारी की खैर नहीं."
इसके बाद, फेडरेशन के पदाधिकारियों ने औषधि प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारे लगाए. कार्यक्रम की अध्यक्षता रमेश शुक्ला और संचालन फेडरेशन के सचिव अमिताभ मिश्रा ने किया. इस आंदोलन कार्यक्रम में शहर के सैकड़ों थोक और खुदरा दवा व्यवसायी शामिल थे, जिनमें मृत्युंजय शर्मा, सतीश तिवारी, हनी, जितेंद्र कुमार, संजय अग्रवाल, कंचन अग्रवाल, विक्रम, मनोज कुमार सिन्हा, अमित कुमार, पुरुषोत्तम अग्रवाल, प्रिंस साबरी, राजहंस अग्रवाल, रमाकांत पांडे, राकेश, रवि कुमार, पवन कुमार, नागेंद्र कुमार पासवान जैसे प्रमुख नाम शामिल थे.
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