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रांची/डेस्क: आप सबने यह तो सुना ही होगा की पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. अगर इंसान चाहे तो वो किसी भी उम्र में पढ़ सकता है और अपने सपने को पूरा कर सकता है. मुंबई शहर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां 65 साल की दादी ने अपने बरसों पुराने सपने को पूरा किया है. उन्होंने अपने सपनों को पूरा कर समाज में एक मिसाल कायम की है.
दादी का जज्बा
65 साल कि बूढ़ी दादी ने अपने पोते के साथ 10वीं की परीक्षा पास कर ली है . दादी ने कहा कि 'मैं खुश हूं कि मैं और मेरा पोता दोनों 10वीं की परीक्षा में पास हो गये हैं. मैं परीक्षा देने गई तो वहां के लोगों को भी काफी खुशी हुई. सबने मेरा सम्मान किया, मेरे अध्यापक भी बहुत अच्छे थे. परिवार का भी मुझे पूरा सहयोग मिला'.
कितने अंक मिले दादी को?
बता दे कि, इस साल दादी और पोते ने एक साथ 10वीं की परीक्षा दी थी. दादी को 52 प्रतिशत अंक मिलें तो वहीं पोते ने 82 प्रतिशत अंको के साथ बोर्ड की परीक्षा पास की. दादी ने बताया कि उन्होंने मराठी मीडियम से और उनके पोते ने अंग्रेजी मीडियम से परीक्षा पास की है.
जिम्मेदारियां बनी अधूरे सपनों की वजह
जानकारी के मुताबिक, दादी की शादी छोटी उम्र में हो गई थी. जिसके बाद बच्चे और घर की जिम्मेदारियों के बोझ तले वो ऐसे दब गई की उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी. लेकिन जब उन्होंने अपने पोते को दिन-रात पढ़ते देखा तो उनके अंदर भी एक ज़ज्बा आ गया पढ़ने का, वापस अपने सपनो को पूरा करने का. फिर क्या दादी ने भी अपने पोते के साथ पढ़ाई शुरू कर दी और सबसे अच्छी बात यह है कि दादी के इस सपने को पूरे परिवार ने सराहा और उनका भरपूर साथ दिया.
दादी ने बताया कि घर के काम और अन्य जिम्मेदारियों की वजह से उन्हें कम समय मिलता था, पर जब भी उन्हें समय मिलता था, वो मन लगाकर पढ़ती थी जिसका नतीजा यह आया कि आज दादी ने अच्छे नंबर से 10वीं कि परीक्षा पास की है और यह सबके लिए प्रेरणास्रोत बन गई है.