अजय लाल/न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: राजद के राष्ट्रीय महासचिव अभय सिंह के सपनों पर प्रदेश राजद ने कुठराघात कर दिया. अभय सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. वो दुबारा प्रदेश अध्यक्ष बनना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने शनिवार को नामांकन पत्र भी भरा. अभी 24 घंटा भी नहीं गुजरा था कि उनका नामांकन रद्द कर दिया गया. वजह बतायी गयी कि उनके नामांकन में प्रस्तावक के रूप में राज्य परिषद के किसी सदस्य का नाम नहीं है.
ऐसा रहा घटनाक्रम.
रविवार को झारखंड प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव हेतु स्क्रूटनी का कार्यक्रम था जिसमें पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभय कुमार सिंह एवं सदाकत हुसैन अंसारी के नामांकन को यह बोलकर रद्द कर दिया गया की आपके जो 10 प्रस्तावक हैं वह राज्य परिषद के सदस्य नहीं है. यानी नामांकन रद्द करने की वजह राज्य परिषद के सदस्य प्रस्तावक नहीं होने को ही आधार बनाया गया।*
अब कहानी सुनिये
झारखंड राजद में राज्य परिषद के सदस्यों का चुनाव अभी 19 तारीख को होना है. अभय सिंह अपने पत्र में लिखते हैं कि जब राज्य परिषद का सदस्यों का चुनाव 19 तारीख को होना है तो 15 जून को उसे कैसे आधार बनाया जा सकता है. और अगर राज्य परिषद के सदस्यों की सूची अंदर खाने में बनी थी उसको सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया.
अभय सिंह का आरोप है कि राज्य निर्वाचन पदाधिकारी गिरधारी गोप गलत तरीके से अपनी मंशा को साधने के लिए चुनाव को विवादित करने की कोशिश की और उसमें वो सफल भी रहे.
कहानी का दिलचस्प पहलू जानिये
शनिवार की शाम कुछ लोग राजद कार्यालय के पास मिठाई बांटते नजर आये. ये लोग हुसैनाबाद के विधायक और वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव के समर्थक थे. सवाल यह कि जब नामांकन पत्र की जांच तक नहीं हुई तो मिठाई बांटने की वजह क्या थी. क्या यह माना जाये कि सब कुछ पहले से तय था. अभय सिंह कहते हैं कि गिरिधारी गोप पैसों पर बिक गये. यही नहीं शनिवार की शाम को ही पुलिस प्रशासन को यह सूचना दी गयी थी कि कल यानी रविवार 15 जून को राजद कार्यालय में पुलिस प्रशासन की तैनाती की जानी चाहिए. पहली बार राजद कार्यालय में पुलिस बल आयी थी. सवाल फिर वहीं कि क्या कुछ लोगों को इसकी जानकारी थी कि नामांकन रद्द होगा.
क्या कहते हैं अभय सिंह
अभय सिंह कहते हैं कि जब जब प्रदेश में अध्यक्ष के चुनाव हुआ माहौल ऐसा बना कि मामले को राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास रेफर किया जाता रहा लेकिन यहां पर खुद को ही माला पहनने के लिए लोग लालायित हैं. चुनाव हो या ना हो दल के संविधान को ताक पर रख करके इसकी मर्यादा के खिलाफ दल को चलाने की एक नई परंपरा की शुरुआत प्रदेश कार्यालय में की गई जो काफी निंदनीय और शर्मनाक घटना है.
अब आगे क्या?
राजद नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने इस मुद्दे पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और राजद नेता तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर अपनी पीड़ा बयां की है. साथ ही उन्होंने प्रदेश राजद के प्रभारी जयप्रकाश यादव को भी पत्र लिखा है और उन्हें फोन पर जानकारी दी है. उन्हें उम्मीद ही कि राजद आलाकमान इस बावत जरूर निर्णय लेगा. यदि नहीं तो अभय सिंह कहते हैं लोकतांत्रिक तरीके से इस मुद्दे पर आगे की लड़ाई लड़ी जायेगी...