न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: शराब घोटाले के लिए चर्चा में रहे झारखंड में अब नई उत्पाद नीति लागू होने के बाद बिक्री निजी हाथों में जाने वाली है. इससे पहले दंडाधिकारियों की उपस्थिति में दुकानों के स्टाक का मिलान हो रहा है. इसी क्रम में धनबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां बलियापुर और प्रधानखंता की शराब की दुकानों में 802 बोतल शराब स्टाक से कम मिलीं. कुछ खाली बोतलें मिलीं, जिनके ढक्कन कुतरे हुए थे. जब पूछा गया तो दुकान का संचालन करने वालों का उत्तर सुन सभी भौचक रह गए. उनका कहना था कि बोतल की शराब चूहे गटक गए हैं.
दुकान संचालकों से पूछा गया कि चूहे कैसे शराब पी गए, बोतल में वह मुंह तो डाल नहीं पाए होंगे. इस पर जो जवाब मिला, वह और भी चौंकाने वाला था. एक शराब विक्रय प्रतिनिधि ने कहा कि साहब, ढक्कन कुतरने के बाद चूहों ने पूंछ बोतल में डाल दी होगी. उसके बाद पूंछ निकाल कर चाट चाट कर वह शराब पी जाते हैं. कुछ बोतलें टूटी भी पाई गईं हैं. दुकानदारों का कहना है कि वह भी चूहों ने ही गिराकर होंगी. चूहों ने शराब पी या नहीं, यह तो जांच का विषय है, लेकिन दुकान संचालन करने वाले कर्मचारियों का जवाब इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. इधर उत्पाद विभाग का कहना है कि जिम्मेदार एजेंसी को ही शराब की कीमत चुकानी होगी.