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रांची/डेस्क: झारखंड की राजधानी रांची का सदर अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार वजह है आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सफल क्रियान्वयन में देशभर में पहला स्थान प्राप्त करना. यह सिर्फ रांची या झारखंड ही नहीं, पूरे देश के लिए गर्व की बात है. सरकारी अस्पताल होने के बावजूद जिस तरह से रांची सदर अस्पताल ने कार्यक्षमता, सेवा और समर्पण का परिचय दिया है, वह स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन चुका है.
आयुष्मान भारत योजना में देशभर में पहला स्थान प्राप्त कर सदर अस्पताल रांची ने एक नया कृतिमान हासिल किया है. इस उपलब्धि का श्रेय वहां की समर्पित टीम, सरकार की योजनाओं को जमीन पर उतारने वाले अधिकारियों और नेतृत्वकर्ता जनप्रतिनिधियों को जाता है. सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, स्वास्थ्य मंत्री, एडिशनल चीफ सेक्रेटरी और जिले के सभी जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन और सहयोग हमें लगातार मिलता रहा. साथ ही, जिला प्रशासन, विशेषकर उपायुक्त महोदय के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर कार्य हो रहा है. डॉ. प्रभात कुमार आगे कहते हैं कि डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ से लेकर सफाईकर्मी तक सभी ने मिलकर इस अस्पताल को यहां तक पहुंचाया है. साफ-सफाई और अनुशासन के कारण ही अस्पताल को कई अवार्ड भी मिले हैं.
वहीं डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉ. विमलेश सिंह ने बताया कि अब तक करीब 2 लाख मरीजों को इलाज दिया गया है. उन्होंने बताया कि अन्य मेडिकल कॉलेजों से भी बेहतर प्रदर्शन करना सदर अस्पताल का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि अब सुपर स्पेशलिटी ट्रीटमेंट भी अस्पताल में उपलब्ध है, जैसे कैंसर, कार्डियोलॉजी, न्यूरोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और प्लास्टिक सर्जरी.
आयुष्मान योजना के रांची जिला इंचार्ज आशीष रंजन ने कहा कि यह सफलता पूरी टीम की मेहनत का परिणाम है. 2023 में 31,900 केस थे, लेकिन इस साल महज 3-4 महीनों में ही 10,000 से ज्यादा मरीजों को आयुष्मान योजना का लाभ मिला है. अबतक 2 लाख से अधिक मरीजों को आयुष्मान भारत योजना से लाभ मिल चुका है.
रांची सदर अस्पताल की यह सफलता यह साबित करती है कि अगर इच्छाशक्ति, ईमानदारी और टीमवर्क हो तो सरकारी संस्थान भी उत्कृष्ट सेवा दे सकते हैं. यह उपलब्धि न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है.