डॉ आशिष शास्त्री/न्यूज 11 भारत
सिमडेगा/डेस्क: सिमडेगा जिला जहां ग्रामीण स्तर पर बड़े पैमाने पर अवैध रूप से महुआ शराब की चुलाई होती है. यहां पुलिस ने इसे चुनौती के रूप में लेकर जिला को अवैध नशा मुक्त करने की कवायद शुरू कर दी है. आदिवासी बहुल सिमडेगा जिला में ग्रामीण और युवा आज नशे की गिरफ्त में फांसते हुए अपराध का ग्राफ बढ़ाने लगे हैं. आप सिमडेगा जिले के किसी भी ग्रामीण क्षेत्र में चले जाएं आपको कहीं सड़क किनारे, कही साप्ताहिक बाजार हाट में तो कहीं बैठकी कर ग्रामीण नशापान करते नजर आ जाएंगे. कुल मिलकर कहा जा सकता है कि यहां का ग्रामीण परिवेश नशे के गिरफ्त में आ गया है. नशे की हालत में अक्सर विवाद होता है, जो कभी कभी हत्या आदि बड़ी घटनाओं तक पहुंच जाता है.
मतलब ये नशा जिले का अपराधिक ग्राफ भी बढ़ा रहा है. और आज सिमडेगा जिला की इस स्थिति का सबसे बड़ा कारण है कि सिमडेगा के रागिनी लाखों की दोनों में खुलेआम अवैध तरीके से महुआ शराब का निर्माण किया जाता है और बिक्री की जाती है. लेकिन अब सिमडेगा जिले को अवैध नशा से मुक्त करते हुए यहां एक सुंदर वातावरण बनाने के उद्देश्य से सिमडेगा पुलिस सिमडेगा में बन रहे अवैध रूप से नशे के काले कारोबार को चुनौती के रूप में लेते हुए एक अभियान छेड़ दी है. सिमडेगा पुलिस लगातार विभिन्न थाना क्षेत्र में लगभग हर दिन अवैध शराब के विरुद्ध छापामारी करते हुए गांव टोलों आदि में बन रहे अवैध शराब के अड्डों को तहस नहस करते हुए अवैध रूप से बनने वाले शराब आदि को नष्ट कर रही है.
पुलिस के आंकड़ों को मानें तो पिछले 6 महीने में सिमडेगा पुलिस ने करीब 50 क्विंटल से अधिक जावा महुआ और हजारों लीटर महुआ शराब को जब्त कर नष्ट किया है. कई बार पुलिस ग्रामीणों को शराब के कारोबार को छोड़ इज्जत भरे रोजगार करने की बात समझाते रहती है.
सिमडेगा एसपी एम अर्शी ने कहा कि अवैध शराब सहित गांजा और अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री के खिलाफ की पुलिस लगातार अभियान चला रही है. उन्होंने बताया कि जिले में नशे आदि को लेकर होने वाले बैठकी पर भी पुलिस की पैनी नजर है. सिमडेगा पुलिस ने ठाना है, किसी भी कीमत पर सिमडेगा को अवैध नशे से मुक्त कर इसे स्वच्छ और सुंदर बनाना है.
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