रांची/डेस्क:
यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कनाडा में G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेकर क्रोएशिया के लिए रवाना हो गये हैं. इस बीच खबर आ रही है कि आने से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से फोन पर 35 मिनट बातचीत हुई. जबकि ऐसा माना जा रहा था पीएम मोदी के कनाडा दौरे पर उनकी राष्ट्रपति ट्रम्प से द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाये. ऐसा इसलिए क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों के ईरान-इजराइल युद्ध पर दिये एक बयान से इतने नाराज हुए कि वह जी7 की बैठक छोड़कर अमेरिका लौट गये. मगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कनाडा से रवाना होने से पहले राष्ट्रपति से बातचीत की. दोनों पर फोन पर 35 मिनट बातचीत हुई.
पीएम ने बातचीत में ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी मध्यस्थता का मुद्दा उठाया
पीएम मोदी आमने-सामने की द्विपक्षीय वार्ता में जो मुद्दे उठाते वही मुद्दे उन्होंने ट्रम्प से फोन पर बातचीत में भी उठाये. पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कथित तौर पर अमेरिका के 'मध्यस्थता' के दावे का मुद्दा उठाया. पीएम मोदी ने ट्रम्प से स्पष्ट कहा कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष में अमेरिका की मध्यस्थता में कोई भूमिका न तो है और न ही भारत ने इसे स्वीकार की है. पीएम मोदी ने साफ कहा कि संघर्ष विराम भारत-पाकिस्तान के बीच आपसी बातचीत के बाद ही हुआ था.
इसके अलावा डोनाल्ड ट्रम्प की ओर से बार-बार व्यापार और टैरिफ को लेकर किये दावे पर भी बात की. व्यापार को लेकर अमेरिका के साथ कोई भी समझौता नहीं हुआ है. बता दे कि अमेरिकी राष्ट्रपति बार-बार यह दावा कर रहे थे कि व्यापार और टैरिफ को लेक भारत के साथ सहमति बन गयी है. पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान ईरान-इजरायल युद्ध और यूक्रेन-रूस युद्ध पर चिंता जताते हुए इनके हल निकालने जाने की बात एक बार फिर दोहरायी।
बातचीत के दौरान ट्रंप ने मोदी को कनाडा से क्रोएशिया जाने से पहले अमेरिका आने का न्यौता दिया, लेकिन उन्होंने अपने निर्धारित कार्यक्रम का हवाला देते हुए इनकार कर दिया.