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पटना/डेस्क: पटना हाईकोर्ट ने सासाराम में ट्रैफिक डीएसपी की गोली लगने से हुई मौत की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया हैं. कोर्ट ने कहा है कि अबतक जांच से ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस सच्चाई का पता लगाने और पुलिस अधिकारीयों के खिलाफ आरोपों की जांच करने के बजाय मृतक और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एकत्र करने में लगी हैं.
सीबीआई के पुलिस अधीक्षक को कोर्ट ने आरसी केस दर्ज करने और सासाराम नगर थाना कांड संख्या 1040/2025 और अन्य दो प्राथमिकी सासाराम टाउन थाना कांड केस संख्या 1038/2024 निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने का आदेश दिया हैं. बिहार पुलिस को कोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने और उनके कब्जे में मौजूद सभी संबंधित सामग्री व साक्ष्यों को सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया हैं.
राणा राहुल रंजन की ओर से दायर याचिका पर न्यायमूर्ति संदीप कुमार की एकलपीठ ने यह सुनवाई के बाद यह आदेश दिया. कोर्ट को आवेदक की ओर से अधिवक्ता संजय कुमार सिंह ने बताया कि गत वर्ष 27 दिसम्बर को सुधीर, विकास, अनिकेत, अतुल, राणा ओम प्रकाश और विनोद सहित कुछ अन्य अपने दोस्त का जन्मदिन मनाने के लिए सासाराम स्तिथ कालिका सिंह के आवास के आंगन में एकत्र हुए थे.
रात के लगभग 10 बजे शिवम और तुषार कुछ खाने की चीज़े खरीदने गए और जब वे लौटे तो ट्रैफिक डीएसपी और उनके अंगरक्षक बिना किसी अधिकारी के सिविल ड्रेस में आए और उन्हें डांटना, धमकाना एवं गाली देना शुरू कर दिया. पुलिस की तरफ से आरोप लगाया गया है कि वहां मौजूद लोग शराब का सेवन कर रहे थे. उस स्थान पर शराब नहीं मिली.
आरोप लगाया जा रही है कि घटना के बाद पुलिस पैसे की मांग शुरू कर दी और उन्हें फर्जी और आपराधिक मामलों में फंसाने की धमकी दी. इसका विरोध किया गया तो पुलिस अधिकारी हिंसक हो गए और अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली चलानी शुरू कर दी. इसमें ओम प्रकाश उर्फ बदल, अतुल कश्यप और विनोद पाल नामक तीन व्यक्ति घायल हो गए. अस्पताल में ओम प्रकाश को मृत घोषित कर दिया गया हैं. वहीं ट्रैफिक डीएसपी और उनके अंगरक्षक ने अपने बचाव के लिए एक प्राथमिकी दर्ज कराइ हैं.
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