कोरोना की पहली लहर से हम सकारात्मक तरीके से निपटने में कामयाब रहे. दूसरी लहर से हम मुकाबला कर रहे हैं और अब तीसरी लहर के आने का भी खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में अब इतना समय नहीं है कि कोरोना से जुड़े मुद्दों को नजरअंदाज करें. कोरोना को कैसे नियंत्रित किया जाए और संक्रमितों को समुचित व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाए, इसे लेकर राज्य सरकार पूरी ताकत के साथ काम कर रही है. वह आज दक्षिणी छोटानागपुर तथा कोल्हान प्रमंडल के मंत्रीगण, सांसदों और विधायकों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विचार-विमर्श कर रहे थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 को लेकर आपके साथ कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. आपसे कई अहम सुझाव मिले हैं. इन्हीं सुझावों के आधार पर सरकार आगे कदम बढ़ाएगी. उन्होंने सांसदों और विधायकों से कहा कि सभी की एकजुटता, सहभागिता और सहयोग से ही कोरोना को काबू में कर सकते हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों पर सरकार का विशेष फोकस
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के ग्रामीण इलाके में कोरोना नहीं बढ़े, वहां संक्रमण के खतरे को कैसे रोका जाए, इसपर सरकार का विशेष फोकस है. उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और संसाधनों का विस्तार कर हमने कोरोना को लेकर शुरू में पैदा हई अफरातफरी को रोक लिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी जागरूकता के अभाव में कोरोना के खतरे को लोग समझ नहीं पा रहे हैं. टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच भ्रम की स्थिति है और लोग टीका नहीं लेना चाह रहे हैं. टेस्ट को लेकर भी लोग उदासीन रवैया अपना रहे हैं. शवों के दाह-संस्कार में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं हो रहा है. इससे कोरोना तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. ऐसे में सरकार अब विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना की जांच, इलाज औऱ टीकाकऱण को लेकर कार्ययोजना बनाकर कार्य कर रही है. इसके तहत लोगों को जागरूक करने के लिए प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसमें सभी जन प्रतिनिधियों की भी अहम जिम्मेदारी है. कोरोना से कैसे बचा जा सकता है, इसे लेकर लोगों को समझाएं, तभी हम कोविड-19 से कारगर तरीके से निपट सकते हैं.
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अन्य राज्यों की जरूरतों को भी पूरा कर रहा झारखंड
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में देश और मानव हित में झारखंड अपनी जरूरतों के साथ अन्य राज्यों की जरूरतों को भी पूरा करने का प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि झारखंड देश को बड़े पैमाने पर लगभग 600 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहा है. कोरोना से जंग में जरूरी संसाधनों की किसी राज्य को कमी नहीं हो, यह हमारी सरकार की विशेष प्राथमिकता रही है. हमारे पास जो भी संसाधन उपलब्ध होंगे, दूसरों को उनकी जरूरत के हिसाब से उपलब्ध कराएंगे.
आंगनबाड़ी केंद्रों तक पहुंचेगी कोरोना मेडिकल किट
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाके में कोरोना को लेकर दवाईयों की कोई किल्लत नहीं होने दी जाएगी. सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से कोरोना मेडिकल किट को लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दे चुकी है. अबतक 45 हजार से ज्यादा कोरोना मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है.
300 एक्स आर्मी मैन कोरोना वॉरियर्स के रूप में देंगे सेवा
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैनिक कल्याण बोर्ड के द्वारा उन्हें बताया गया है कि कोविड-19 से निपटने की दिशा में वे सरकार को हरसंभव मदद को तैयार हें. इस सिलसिले में 300 एक्स आर्मी मैन कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपनी सेवा देंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस महामारी ने पूरे देश में स्वास्थ्य से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरतों को अवगत करा दिया है. उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सकों, नर्सों, पारा मेडिकल कर्मी और अन्य मैन पावर की कमी से सरकार अवगत है. इस दिशा में अगर कोई अवकाश प्राप्त चिकित्सक या अन्य कर्मी अपनी सेवा देने को इच्छुक हैं, तो वे इसकी जानकारी दें. सरकार इस दिशा में उनकी सेवा लेने के लिए जरूरी पहल करेगी. उन्होंने सांसदों और विधायकों से भी कहा कि अगर उनके संपर्क में ऐसे मैन पावर हैं, तो इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराएं.
ऑक्सीजन युक्त बेड, आईसीयू और वेंटिलेटर्स समेत अन्य चिकित्सीय संसाधन बढ़ाने का प्रयास लगातार जारी है
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के शुरुआती दिनों में राज्य में मात्र सौ ऑक्सीजनयुक्त बेड थे, लेकिन आज इसकी संख्या बढ़कर 10 हजार से ज्यादा हो चुकी है. बेडों की संख्या निरंतर बढ़ रही है. इसके अलावा आईसीयू बेड तथा वेंटिलेटर्स की संख्या में भी इजाफा हुआ है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वेंटिलेटर्स इंस्ट़ॉल करने के लिए दक्ष तकनीशियन की जरूरत है, लेकिन इनकी संख्या कम है. इस वजह से कई अस्पतालों में वेंटिलेटर्स को इंस्टॉल नहीं किया जा सकता है. सरकार इस दिशा में भी गंभीरता से विचार कर रही है. उन्होंने यह भी कहा कि लोग वेंटिलेटर तक नहीं पहुंचें, इससे पहले ही वे स्वस्थ होकर अपने घर चले जाएं, यह सरकार की विशेष प्राथमिकता है.
सभी सदर अस्पतालों में लगाए जा रहे पीएसए
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सदर अस्पतालों में पीएसए लगाने के निर्देश दिए जा चुके हैं. यहां जेनरेटर की भी व्यवस्था होगी. इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग द्वारा पहल शुरू कर दी गई है. उन्होंने यह भी बताया कि ऑक्सीजन सिलेंडर की भी पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है. उन्होंने कहा कि कोविड सर्किट के माध्यम से ऑक्सीजनयुक्त बेड और संजीवनी वाहन के जरिए ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पतालों को इमरजेंसी में उपलब्ध कराया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन फ्लोमीटर की किल्लत से निपटने की दिशा में सरकार को सार्थक सफलता मिली है. इंडो डेनिश टूल रूम ने फ्लोमीटर का डिजाइन तैयार कर लिया है. जल्द ही इसका उत्पादन भी शुरू हो जाएगा. इसके बाद फ्लोमीटर की उपलब्धता को लेकर किसी को परेशानी नहीं होगी.
टीकाकरण को लेकर ग्रामीण इलाकों में भ्रांतियों को तोड़ना है
मुख्यमंत्री को सांसद और विधायकों ने अवगत कराया कि ग्रामीण इलाके में कोरोना टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रांतियां हैं. वे टीका लगवाने से डर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि लोगों में भ्रम पैदा कर रहे लोगों को चिन्हित करने के साथ लोगों को जागरूक करना नितांत जरूरी है. मुख्यमंत्री ने सांसदों और विधायकों से कहा कि लोगों के बीच टीकाकरण को लेकर जागरुकता फैलाने में आप सहयोग करें. इसमें तमाम संगठनों की भी मदद लें. मानकी मुंडा, ग्राम प्रधानों को भी विश्वास में लिया जाए, ताकि लोग टीकाकरण के लिए खुद आगे आएं. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कोरोना की पहली लहर में ग्रामीण इलाके में लोगों ने बैरियर अथवा अन्य माध्यमों से बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने की कोशिश की थी, वैसी पहल फिर से करें. इससे कोरोना की चेन को तोड़ने में मदद मिलेगी.
बाहर से आनेवालों के लिए क्वारेंटाइन सेंटर की होगी व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर वापस लौट रहे हैं. ऐसे में ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. इस वजह से इन प्रवासी मजदूरों की कोरोना जांच कराने तथा उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर में फिर से रखने की व्यवस्था शुरू की जा रही है. जो कोरोना पॉजिटिव पाए जाएंगे, उन्हें आइसोलेशन में रखा जाएगा. इनकी चिकित्सीय जरूरतों को पूरा करने के साथ लगातार मॉनिटरिंग भी की जाएगी.
18 साल से ज्यादा उम्र वालों के टीकाकरण को लेकर तैयारियां पूरी
राज्य में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का टीकाकऱण 14 मई से शुरू होगा. इसे लेकर सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि टीकाकऱण को लेकर तीस हजार लोग रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं, जबकि इस अभियान के लिए चार लाख के लगभग टीके उपलब्ध हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए 7 लाख कोविशील्ड के टीके केंद्र सरकार उपलब्ध कराए, ताकि जिन्हें कोविशील्ड का पहला टीका लग चुका है, उन्हें इसकी दूसरी डोज दी जा सके.
कड़े कदम उठाने की है जरूरत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने की दिशा में सरकार तेजी से आगे बढ़ रही है. लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए कोरोना की चेन को तोड़ना निहायत जरूरी है, ताकि संक्रमण के फैलाव को रोका जा सके. इस सिलसिले में कड़े कदम उठाने पर भी सरकार विचार कर रही है.