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रांची/डेस्क: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना (IAF) की बहादुरी को उजागर करते हुए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि ऑपरेशन अभी खत्म नहीं हुआ है और जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक "ट्रेलर" था. भुज एयरफोर्स स्टेशन पर वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि हमने पाकिस्तान को प्रोबेशन पर रखा है. अगर उसका व्यवहार सुधरता है तो ठीक है, नहीं तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी. ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है. जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक ट्रेलर था. जब सही समय आएगा, हम दुनिया को पूरी तस्वीर दिखाएंगे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की.
आतंकवाद को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट ही काफी थे: राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह ने कहा कि भुज 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह रहा है. और आज फिर यह पाकिस्तान के खिलाफ हमारी जीत का गवाह बना है. मुझे यहां मौजूद होने पर गर्व है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान आपने जो कुछ भी किया, उससे सभी भारतीयों को गर्व हुआ है - चाहे वे भारत में हों या विदेश में. पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद को कुचलने के लिए भारतीय वायुसेना के लिए सिर्फ 23 मिनट ही काफी थे. कल ही मैंने श्रीनगर में हमारे बहादुर सैन्यकर्मियों से मुलाकात की थी. आज मैं यहां वायु योद्धाओं से मिल रहा हूं. कल मैं उत्तरी क्षेत्र में हमारे जवानों से मिला था और आज मैं देश के पश्चिमी हिस्से में वायु योद्धाओं और अन्य सुरक्षाकर्मियों से मिल रहा हूं. दोनों मोर्चों पर जोश और ऊर्जा देखकर मैं उत्साह महसूस कर रहा हूं. मुझे विश्वास है कि आप भारत की सीमाओं की सुरक्षा करेंगे.
जितने देर में लोग नाश्ता करते हैं, उतने में आपने दुश्मनों को निपटाया
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि यहां तक कि पाकिस्तान ने भी ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत को स्वीकार किया है. हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "दिन में तारे देखना." भारत में बनी ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान को 'रात के अंधेरे में दिन का उजाला' दिखाया." रक्षा मंत्री ने कहा कि मेरे लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि लोगों को नाश्ता करने में जितना समय लगता है, आपने उस समय का उपयोग दुश्मनों से निपटने में किया. आपने दुश्मनों की धरती पर जाकर मिसाइलें गिराईं. इसकी गूंज सिर्फ भारत की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि पूरी दुनिया ने इसे सुना. यह गूंज सिर्फ मिसाइलों की नहीं थी, बल्कि आपकी वीरता और भारतीय सशस्त्र बलों के जवानों की बहादुरी की भी थी. बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी.