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रांची/डेस्क: कभी सड़क किनारे लावारिस मिली तीन दिन की मासूम को जिस महिला ने मां बनकर नई जिंदगी दी, उसी बेटी ने उसे मौत की नींद सुला दिया. ओडिशा के गजपति जिले में इंसानियत को झकझोर देने वाली घटना ने हर किसी को हैरान कर दिया हैं. मां-बेटी के रिश्ते को शर्मसार करने वाली ये वारदात न सिर्फ दिल को झकझोरती है बल्कि कई सवाल भी खड़े करती हैं/ क्या भरोसा और ममता वाकई वक्त के साथ फीकी पड़ जाती हैं?
राजलक्ष्मी नाम की महिला ने 13 साल पहले एक रोती हुई नवजात बच्ची को अपनाया था. पति ने निधन के बाद उन्होंने उस बच्ची को अकेले पाल-पोसकर बड़ा किया. मगर वो क्या जानती थी कि जिस बेटी को उन्होंने मां की ममता दी, वही उनकी जान ले लेगी. बेटी ने अपने दो पुरुष दोस्तों- 21 वर्षीय मंदिर पुजारी गणेश रथ और 20 वर्षीय दिनेश साहू के साथ मिलकर 29 अप्रैल को मां की हत्या की साजिश रची. आरोपी किशोरी ने मां को पहले धोखे से नींद की गोली दी और जब वह बेहोश हो गई तो रथ और साहू को घर बुलाकर तकिए से उनका गला घोंट दिया. तीनों ने मिलकर हत्या को अंजाम दिया और फिर मां को अस्पताल ले जाकर बताया कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा हैं. राजलक्ष्मी को मृत घोषित कर दिया गया और शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया किसी को भनक तक नहीं लगी.
राजलक्ष्मी के भाई को लड़की का मोबाइल मिला, जिसमें इंस्टाग्राम पर युवकों से बातचीत के दौरान हत्या की पूरी प्लानिंग सामने आ गई. लड़की ने हत्या, गहनों की बात और मां को रास्ते से हटाने की योजना खुले शब्दों में चैट में लिख रही थी. 14 मई को राजलक्ष्मी के भाई ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और तीनों आरोपी गिरफ्तार हो गए.
पुलिस के अनुसार, हत्या का एक मकसद सोने के गहने और नकदी भी था. लड़की ने हत्या से पहले ही मां के गहने रथ को सौंप दिए थे, जिसे बाद में उसने 2.4 लाख में गिरवी रखा. पुलिस ने उनसे 30 ग्राम सोना, तीन मोबाइल फोन और हत्या में इस्तेमाल दो तकिए भी जब्त कर लिए हैं.
गजपति एसपी जतिंद्र कुमार पांडा के अनुसार, आरोपी लड़की 8वीं कक्षा की छात्रा हैं. उसके रथ और साहू से अवैध संबंध थे, जिसका राजलक्ष्मी विरोध करती थी. यही विरोध उसकी जान का कारण बना.