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रांची/डेस्क: मॉनसून सत्र के समाप्त होने के एक दिन बाद सेंघमारी की घटना ने संसद जैसे महत्वपूर्ण जगह की सुरक्षा पर एक बार फिर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. यह घटना शुक्रवार को हुई है जब एक युवक संसद की दीवार फांद कर गरुड द्वार तक जा पहुंचा. संसद की सुरक्षा की इस भारी चूक ने एक बार फिर संसद के सुरक्षा चक्र पर सवालिया निशान खड़ा कर दिये हैं. यह घटना सुबह करीब 6:30 बजे हुई, आरोपी को तो पकड़ लिया गया है, लेकिन इस गंभीर लापरवाही ने संसद की सुरक्षा को सवालों के घेरे में लिया है. व्यक्ति की पहचान कर ली गयी है, वह उत्तर प्रदेश का भदोही निवासी राम कुमार बिंद बताया गया है.
संसद परिसर के अन्दर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने भले ही युवक को हिरासत में ले लिया हो, लेकिन यह सवाल तो उठ रहा है कि संसद के बाहरी हिस्से के सुरक्षाकर्मी कहां नदारद थे. जबकि युवक ने दीवार से लगे पेड़ का सहारा लेकर संसद भवन में प्रवेश किया था. इतना ही नहीं, वह गरुड द्वार तक भी जा पहुंचा था, लेकिन सुरक्षा कर्मियों की नजर से वह बच नहीं सका और उसे पकड़ लिया गया. सुरक्षा कर्मी उससे पूछताछ कर रहे हैं. सूरत की एक फैक्ट्री में काम करने वाले इस युवक को मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया जा रहा है.
पहले भी संसद की सुरक्षा में भारी चूक आ चुकी है सामने
यह पहला मौका नहीं है जब किसी ने संसद जैसे वीवीआईपी भवन में घुसने की हिमाकत की हो। 2023 में तो चलती संसद में दो युवक दर्शक दीर्घा से कूद पड़े थे। न सिर्फ कूदे, बल्कि धुआं फैलने वाले हल्के बमों का भी उन्होंने संसद में फेंका था. जिससे कि अफरातफरी मच गयी थी. हालांकि यह घटना पूर्वनियोजित घटना का एक हिस्सा था, जिसमें कुछ बेरोजगार अपनी समस्याओं का ध्यान सरकार की ओर दिलाना चाह रहे थे. संसद में कूदने वाले युवकों के साथी संसद के बाहर उस समय प्रदर्शन कर रहे थे.
यह भी बता दें कि संसद में 2001 में पाकिस्तान प्रायोजित एक बड़ा हमला भी हो चुका है. जिसमें कुछ सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए थे.
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