न्यूज 11 भारत
लोहरदगा/डेस्क: कुडू शहरी क्षेत्र के लोग इन दिनों एक अलग ही संकट से जूझ रहे हैं. इसका कारण कोई दूसरा नही बल्कि एक झुंड से बिछड़ा हाथी है, जो आए दिन शहर में घुसकर लोगों की नींद, संपत्ति और सुरक्षा सब छीन रहा है. स्थानीय लोगों को बुधवार की रात एक बार फिर वही डरावना मंजर देखने को मिला. कुडू पोस्ट ऑफिस के पीछे से गुजरता हुआ हाथी सबसे पहले दो चारदीवारी तोड़ता है और जमील खान के आम बगान में घुसकर पेड़ों में लगे आम को खा गया. वहां से निकलते ही धोबी टोला रामनगर में सन्नू बैठा के घर को तोड़ा, फिर बुनियादी विद्यालय के मुख्य द्वार को क्षतिग्रस्त कर और अंत में स्व. विजय वर्मा के आवास परिसर में आधे घंटे तक उत्पात मचाता रहा. इस दौरान एक गाय को घायल कर परिसर में लगे केले को चट कर गया. इस दौरान रात 10 बजे से तड़के 2 बजे तक लोग हाथी के खिलाफ जंग लड़ते रहे. कोई अस्पताल की छत पर चढ़कर, तो कोई मशाल जलाकर, तो कोई टायर फूंककर शोर मचाता रहा. लोगों ने वन विभाग की विशेष टीम को स्थायी रूप से कुडू में तैनात किये जाने और प्रभावित लोगों को तत्काल मुआवजा दिलाने की मांग की है.
क्या प्रशासन हाथी हटाने में वाकई असमर्थ है?
लोगों के मन में अब यह सवाल घर करने लगा है कि वन विभाग के पास न संसाधन हैं और न ही कोई कार्य योजना. और प्रशासन हाथी हटाने में असमर्थ है. और अब हर बार आम लोगों को ही अपनी जान हथेली पर रखकर हाथी को भगाने का जिम्मा उठाना पड़ेगा. स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले कई महीनों से हाथियों का आना-जाना और उत्पात आम हो चुका है. सवाल यह है कि जब खतरा इतना स्पष्ट है, तो प्रशासन और वन विभाग अब तक कोई स्थायी समाधान क्यों नहीं निकाल पाए हैं? कुल मिलाकर कुडू के लोगों की रातें अब डर और बेचैनी में कट रही हैं. जब तक प्रशासन और वन विभाग मिलकर कोई ठोस और दीर्घकालिक समाधान नहीं निकालते, तब तक यह सवाल तो बना रहेगा कि क्या प्रशासन हाथी हटाने में वाकई असमर्थ है.