प्रशांत शर्मा/ न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:
मंटू सोनी पर बम फोड़ने का नही मिला सबूत, छह साल बाद पुलिस ने आरोपमुक्त किया
हज़ारीबाग़ के बड़कागाँव में एनटीपीसी के त्रिवेणी-सैनिक साइट कार्यालय लंगातु में बम फोड़ने की घटना को लेकर एनटीपीसी के तत्कालीन जीएम टी गोपाल कृष्ण द्वारा बम विस्फोट कर रंगदारी मांगने के मामले में बड़कागाँव थाना में मामला दर्ज कराने के मामले में नामजद आरोपी बनाए गए मंटू सोनी को पुलिस ने छह साल बाद सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है. पुलिस ने कोर्ट में अंतिम प्रपत्र रिपोर्ट सौंप दिया है. इसके बाद कांड में आरोपी बनाए गए मंटू सोनी ने राष्ट्रीय मनावाधिकार आयोग, मुख्य सचिव, डीजीपी और डीआईजी को पत्र लिखकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग किया है.
अज्ञात चरवाहा-मजदूर के हवाले एनटीपीसी जीएम ने कराया था मामला दर्ज
एनटीपीसी के तत्कालीन जीएम टी गोपाल कृष्ण ने 30 नवम्बर 2017 को बड़कागाँव थाना में अज्ञात चरवाहा और मजदूरों के हवाले से (नाम पता स्पष्ट नही) मेरे व अन्य के खिलाफ बड़कागाँव थाना में एक आवेदन दिया था. उसी दिन बड़कागाँव थाना प्रभारी द्वारा आवेदन में बिना किसी चश्मदीद गवाह और साक्ष्य के बड़कागाँव थाना में कांड संख्या 202/2017 में IPC की धारा 385, 386, 387 विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 3/4 और CLA अधिनियम की धारा 17 तहत मामला दर्ज कर मंटू सोनी को पांचवा आरोपी बना दिया था. हालांकि आवेदन में घटना का कोई चश्मदीद गवाह और अज्ञात मजदूरों और चरवाहों के आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया था. पुलिस ने यह भी नही देखा / समझा की आवेदन में वर्णित अज्ञात मजदूर/चरवाहा कौन थे ? उनका नाम पता तक आवेदन में नही लिखा हुआ है ? और उनलोगों के हवाले से दिए आवेदन में गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर लिया. जबकि इस समय के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अनूप बिरथरे ने सुतली बम फोड़ने और जेपीसी नामक नक्सली संगठन का पर्चा छोड़े जाने की बात कहते हुए जांच करने की बात कहा था. लेकिन अचानक टाइगर ग्रुप का नाम देते हुए बिना चश्मदीद गवाह के मामला दर्ज कर दिए जाने से साजिश की बू नजर आने लगी थी. जिसकी पुष्टि पुलिस द्वारा कोर्ट में अंतिम प्रपत्र दिए जाने के बाद हो गई.
मानवाधिकार आयोग,मुख्य सचिव, डीजीपी को कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
एनटीपीसी के त्रिवेणी-सैनिक साइट कार्यालय में कथित तौर पर बम फोड़ने के मामले में क्लीनचिट मिलने के बाद मंटू सोनी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, मुख्य सचिव, डीजीपी, डीआईजी को पत्र लिखकर एनटीपीसी के तत्कालीन जीएम टी गोपाल कृष्ण और बड़कागाँव के तत्तकालीन थानेदार अकील अहमद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है. पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि इन दोनों के द्वारा पूर्व में षड़यंत्र कर एक और फर्जी मामले जिसका कांड संख्या बड़कागाँव थाना 135/2016 में बिना सबूत के चार्जशीट कर दिया गया था. जिसमें इन दोनों के अलावे अन्य पर हज़ारीबाग़ न्यायालय के जे एम एफ सी सुश्री शिवानी शर्मा द्वारा दोनों के अलावे अन्य पर IPC की धारा 166, 166a, 167, 218 एवं 220 पर संज्ञान लेते हुए सम्मन भी जारी किया जा चुका है.