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रांची/डेस्क: हवाई यात्रा में लोगों को आपने कम सामान ले जाते देखा होगा लेकिन वहीं रेल यात्रा में लोगों को ज्यादा सामान ले जाते देखा होगा. अब यह पुरानी बात हो चुकी हैं. रेलवे भी अब हवाई यात्रा की तरह सामान को लकेर सख्त नीति अपनाने जा रहा हैं. इसके तहत एक निश्चित वजन या आकार से ज्यादा सामान को लेकर सख्त नीति अपनाने जा रहे हैं. एक निश्चित वजन या आकार से ज्यादा सामान लेकर जाने से पेनल्टी भी देनी पड़ सकती हैं. रेलवे स्टेशनों पर इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक मशीनें लगाई जाएंगी. इनसे होकर जब सामान गुजरेगा तो पता चला जाएगा कि वजन और माप तय सीमा के भीतर ही है या नहीं. अगर माप और वजन तय लिमिट से ज्यादा हुआ तो फिर जुर्माना या अतिरिक्त चार्ज चुकाना होगा. केवल यहीं नहीं रेलवे स्टेशनों पर भी अब लोगों का अनुभव बदलने की तैयारी पूरी हो गई हैं.
रेलवे स्टेशनों पर पहुंचकर अब लोग एयरपोर्ट जैसे माहौल का अनुभव करेंगे
रेलवे स्टेशनों पर अब बड़े ब्रांड्स की दुकानें दिख सकती हैं. रेलवे स्टेशनों पर अब कपड़े, ट्रेवल, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान आदि आप आसानी से खरीद पाएंगे. इसके लिए शानदार दुकानें होंगी, जिनका रेलवे की ओर से टेंडर जारी किया जाएगा. इससे रेलवे स्टेशनों पर पहुंचकर लोग एयरपोर्ट जैसे माहौल का अनुभव करेंगे. इसके अलावा रेलवे के रेवेन्यू में भी इजाफा होगा. दुकानें टेंडर से आवंटित की जाएगी, जिनके शुल्क से रेलवे को अच्छी आय होने की उम्मीद हैं. रेलवे सूत्रों का कहना है कि सामान की वजन सीमा श्रेणी के मुताबिक तय होगी. अगर कोई सामान्य श्रेणी का टिकट लेकर सफर कर रहा है तो उसे अपने साथ 35 किलो सामान से ज्यादा ले जाने की परमिशन नहीं होगी.
तय लिमिट प्रति व्यक्ति के अनुसार से होगी
अगर एक से ज्यादा लोग सफर कर रहे हैं तो तय लिमिट प्रति व्यक्ति के अनुसार से होगी. मतलब अगर एक व्यक्ति पर 35 किलो की परमिशन है तो दो लोग साथ होंगे तो 70 किलो वजन तक का सामान ले जा सकते हैं. अब श्रेणी वार लिमिट की बात करें तो स्लीपर और थर्ड ऐसी में यह 40 किलो प्रति व्यक्ति होगी. सेकंड एसी में प्रति व्यक्ति 50 किलो तक, वहीं फर्स्ट एसी में यह लिमिट 70 किलोग्राम रहेगी. रेलवे अधिकारीयों का कहना है कि यह लिमिट इसलिए तय किया गया है ताकि सभी यात्रियों का सफर सुखद और सुगम रहे.
ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सीटों की व्यवस्था के मुताबिक ही सामान रखा जा सकें
अब श्रेणीवार लिमिट की बात करें तो ऐसा इसलिए किया गया है ताकि सीटों की व्यवस्था के मुताबिक ही सामान रखा जा सकें. जैसे जनरल में जगह सबसे कम बचती है, ऐसे में उसके लिए लिमिट कम तय की गई हैं. इसी प्रकार स्लीपर और थर्ड एसी का सीटिंग पैटर्न एक जैसा होता है, इसलिए वहां सामान का लिमिट एक जैसा रखा गया हैं. वहीं सेकंड एसी की बात करें तो एक लाइन में दो सीटें ही रहती हैं. इसलिए सामान की परमिशन थोड़ी ज्यादा हैं. इस लिमिट के तहत प्रयागराज जोन में कम शुरू होने वाला हैं. जिसके बाद इस फ़ॉर्मूले को पुरे देश में लागु किया जायेगा.