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रांची/डेस्क: बिहार की राजधानी पटना एक बार फिर अपराधियों के खूनी खेल का गवाह बना. गांधी मैदान थाना क्षेत्र में गुरुवार रात 11 बजे के आसपास शहर के जाने-माने व्यवसायी और मगध अस्पताल के मालिक गोपाल खेमका की गोली मारकर हत्या कर दी गई. खेमका जैसे ही अपनी कार से उतरे, पहले से घात लगाए बैठे बदमाशों ने उन पर गोलियां बरसा दीं. इस सनसनीखेज वारदात के बाद इलाके में दहशत का माहौल हैं.
ये घटना पनास होटल के पास स्थित एक अपार्टमेंट के बाहर हुई, जहां खेमका का आवास था. चश्मदीदों के मुताबिक, खेमका के कार से उतरते ही बदमाशों ने उन्हें निशाना बनाया और ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं. जब तक कोई कुछ समझ पाता, खेमका मौके पर ही दम तोड़ चुके थे. सूचना मिलते ही गांधी मैदान थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. पटना एसपी दीक्षा ने बताया कि घटनास्थल से एक गोली और एक खोखा बरामद किया गया हैं. इलाके की घेराबंदी कर जांच शुरू कर दी गई है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान तेज कर दिया गया हैं.
छह साल पहले बेटे की भी हुई थी हत्या
गोपाल खेमका का परिवार पहले भी अपराधियों की हिंसा का शिकार हो चुका हैं. उनके बेटे गुंजन खेमका की छह साल पहले वैशाली जिले के औद्योगिक थाना क्षेत्र में हत्या कर दी गई थी. उस वक्त भी यह मामला काफी चर्चा में रहा था और अब एक बार फिर खेमका परिवार पर हमला हुआ हैं. खेमका की हत्या से न सिर्फ कारोबारी जगत, बल्कि पूरे शहर में आक्रोश और डर का माहौल हैं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब राजधानी की पॉश कॉलोनी में इस तरह की वारदात हो सकती है, तो आम आदमी कितना सुरक्षित हैं.
पुलिस इस मामले में सभी पहलुओं की जांच कर रही है, लेकिन शुरुआती जांच से यह साफ है कि हत्यारे खेमका की गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे और उन्होंने एक सोची-समझी साजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया गया हैं.