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रांची/डेस्क: हजारीबाग जिले के बड़कागांव में हुए बहुचर्चित ढेंगा गोलीकांड मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अंबुज नाथ की अदालत ने इस मामले में रांची सिविल कोर्ट के स्पेशल कोर्ट-7 में चल रहे ट्रायल पर फिलहाल रोक लगा दी है. कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि जब तक इस मामले में सीआईडी (अपराध जांच विभाग) की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी प्रकार का आदेश या ट्रायल की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ाई जाएगी.
इस केस में याचिकाकर्ता मंटु सोनी ने पुलिस जांच और पूर्व में दाखिल की गई चार्जशीट की वैधता पर सवाल उठाते हुए याचिका दायर की थी. इसके आधार पर जुलाई 2022 में झारखंड हाईकोर्ट ने सीआईडी जांच के आदेश दिए थे. हालांकि, याचिकाकर्ता के अनुसार, हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद सीआईडी द्वारा जांच अब तक पूरी नहीं की गई है. इस बीच, रांची सिविल कोर्ट के स्पेशल कोर्ट-7 में उसी चार्जशीट के आधार पर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, जिस पर हाईकोर्ट ने संदेह जताते हुए सीआईडी जांच के आदेश दिए थे. इसी को लेकर मंटु सोनी ने एक बार फिर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
याचिका में अधिवक्ता हेमंत सिकरवार के माध्यम से यह तर्क दिया गया है कि ट्रायल को आगे बढ़ाना सुप्रीम कोर्ट के नत्थी लाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार मामले में दिए गए निर्णय का उल्लंघन है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया था कि जब किसी मामले की पुनः जांच लंबित हो, तो पूर्व की चार्जशीट पर ट्रायल नहीं चलाया जा सकता. हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले में स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा है कि सीआईडी जांच पूरी होने तक ट्रायल पर रोक जारी रहेगी. इस फैसले से न केवल मामले की जांच प्रक्रिया पर फिर से ध्यान केंद्रित हुआ है, बल्कि न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर भी नई बहस शुरू हो गई है.