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रांची/डेस्क: उत्तराखंड में कुदरत का कहर जारी हैं. चमोली जिले की देवाल तहसील के मोपाटा में बादल फटने से दो लोग लापता हो गए हैं. प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया हैं. दूसरी ओर, केदारघाटी के लवारा गांव में एक पुल बह जाने से छेनागाड़ क्षेत्र में हालात गंभीर हो गए हैं. साथ ही, रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियां भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई घरों में पानी घुस गया हैं.
मोपाटा में बादल फटने से एक गौशाला भी मलबे में दब गई है, जिसमें करीब 15 से 20 जानवरों के फंसे होने की आशंका हैं. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने X पर इस घटना की जानकारी दी और बताया कि वे लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं और बचाव कार्यों को तेजी से करने के निर्देश दिए हैं.
जारी है उत्तराखंड में बारिश का कहर
उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश के कारण रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. अलकनंदा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है और नदी का पानी आवासीय इलाकों में घुस गया हैं. स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित घरों को तुरंत खाली करा लिया हैं. स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रुद्रप्रयाग का प्रसिद्ध हनुमान मंदिर भी पूरी तरह से पानी में डूब गया हैं. इसके अलावा, केदारघाटी के लवारा गांव में मोटरमार्ग पर बना एक पुल भी नदी के तेज बहाव में बह गया है, जबकि छेनागाड़ क्षेत्र में भी हालात गंभीर बने हुए हैं.
रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, हरिद्वार और पिथौरागढ़ जिलों में स्कूल बंद
मंदाकिनी नदी के बढ़ते जलस्तर से 2013 की आपदा की यादें ताजा हो गई हैं. रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने आजतक से फोन पर बातचीत में बताया कि बसु केदार क्षेत्र में भारी बारिश के कारण चार घर बह गए थे, हालांकि सभी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है और फिलहाल स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही हैं. भारी बारिश को देखते हुए रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, हरिद्वार और पिथौरागढ़ जिलों में आज स्कूल बंद रखने का आदेश दिया गया हैं.