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रांची/डेस्क: महेंद्र सिंह धोनी आज 7 जुलाई को अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं. दुनिया उन्हें 'कैप्टन कूल' के नाम से जानती है लेकिन रांची से निकले इस क्रिकेटर की कहानी सिर्फ शांत कप्तानी तक सीमित नहीं हैं. धोनी ने अपने नेतृत्व और खेल के दम पर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और इतिहास रच दिया.
धोनी ने 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे से इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था. महज तीन साल बाद उन्हें भारत की टी20 टीम की कमान सौंपी गई और उन्होंने युवा टीम को लेकर 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीत भारत को जश्न में डुबो दिया. यही से शुरू हुई माही की कप्तानी की जादुई यात्रा.
धोनी की अगुआई में भारत ने 2011 में 28 साल बाद वनडे वर्ल्ड कप जीता. 2013 में उन्होंने भारत को चैंपियंस ट्रॉफी भी जिताई और इसी के साथ वो दुनिया के इकलौते कप्तान बन गए जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी अपने नाम की. सिर्फ कप्तानी ही नहीं, धोनी ने भविष्य की टीम भी गढ़ी. उन्होंने सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीरेंद्र सहवाग जैसे दिग्गजों को संभालते हुए विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा और अश्विन जैसे सितारों को तैयार किया. फिर आया था वो पल.. जब कैप्टन कूल के एक फैसले सभी को चौंका दिया था. धोनी ने 2014 में फैंस को चौंकाते हुए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लिया था. 2017 की शुरुआत में उन्होंने सीमित ओवरों की कप्तानी भी छोड़ दी और 15 अगस्त 2020 को इंटरनेशनल क्रिकेट से भी विदाई ले ली. उनका आखिरी मैच 2019 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल था.
धोनी का करियर भी आंकड़ों में बेमिसाल रहा उन्होंने 350 वनडे में 50.57 की औसत से 10773 रन बनाए, जिसमें 10 शतक और 73 अर्धशतक शामिल हैं. टेस्ट में उनके नाम 90 मैचों में 4876 रन और 6 शतक हैं. वहीं 98 टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 1617 रन बनाए.आईपीएल में धोनी आज भी चेन्नई सुपर किंग्स की जान हैं. उन्होंने अब तक 278 मैचों में 5439 रन बनाए हैं और अपनी कप्तानी में सीएसके को 5 बार चैंपियन बनाया है.धोनी का सफर सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है, वह आज करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है, जो सिखाते है कि छोटे शहरों से भी बड़ी उड़ान भरी जा सकती हैं.