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रांची/डेस्क: मुख्यमंत्री युवा उद्यमी ऋण योजना के लिए होने वाले आवेदनों को बैंकों के स्तर अजब तर्क देकर निरस्त किया जा रहा हैं. इसमें से एक तर्क दिया गया कि आवेदिका युवती कुंवारी है, इसलिए बैंक उन्हें ऋण नहीं दे सकता. प्रदेश सरकार की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल योजना का कुछ यही हाल हैं.
आवेदिका कुंवारी है उन्हें लोन नहीं दिया जा सकता
सीएम युवा उद्यमी विकास योजना का उद्देश्य युवाओं को स्वरोजगार स्थापित कर आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाना हैं. इसी सोच के साथ नौरंगाबाद निवासी गीता कुमारी ने हार्डवेयर मैन्युफैक्चरिंग के लिए उद्योग विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन किया. लोन की फाइल स्वीकृति के लिए ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यवर्त पहुंची. गीता का आवेदन जहां यह बोलकर अस्वीकृत किया गया कि आवेदिका कुंवारी है उन्हें लोन नहीं दिया जा सकता.
कुछ तो ऐसे भी आवेदन है, जिनका आवेदन बिना सर्वे ही मना कर दिया जाता है
यह केवल गीता के साथ ही नहीं हुआ है बल्कि आगरा निवासी अदिति वर्मा, ब्रहम्नपुरी निवासी सौम्य गुप्ता के साथ-साथ अन्य आवेदन भी शामिल हैं. कुछ तो ऐसे भी आवेदन है, जिनका आवेदन बिना सर्वे, ऊपर से आदेश नहीं, उद्यम रजिस्ट्रेशन पुराना होने के साथ-साथ अन्य कारणों से रद्द किया गया हैं. सबसे खराब प्रदर्शन जिले में कर्ज को लेकर पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक का हैं.
अलीगढ़ जनपद का प्रदर्शन निराशाजनक
संयुक्त आयुक्त उद्योग ने जानकारी दी कि योजना में अलीगढ जिले का प्रदर्शन निराशाजनक है. विभिन्न बैंको को विभाग द्वारा 3297 आवेदन पत्र भेजे गए थे, जिनमें से 1510 को निरस्त, 938 स्वीकृति एवं केवल 830 पर ऋण वितरण किया गया. ऑडिट में पाया गया कि 70 प्रतिशत आवेदन पत्र गलत तरीके से रिजेक्ट किए गए हैं.
योजना की पात्रता
21 से 40 वर्ष आयु, न्यूनतम 8वीं पास की शैक्षणिक योग्यता व मान्यता प्राप्त संस्थान के कौशल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र, रूपये पांच लाख तक के उद्योगों/ सेवा परियोजनाओं पर 100% ब्याज मुक्त एवं बिना गारंटी के लोन.