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रांची/डेस्क: शराब घोटाले में गिरफ्तार किए गए निलंबित IAS अधिकारी विनय चौबे ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की विशेष अदालत द्वारा दो दिनों की रिमांड पर भेजे जाने के आदेश को चुनौती दी है.
विनय चौबे की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि ACB ने जिस दिन प्राथमिकी दर्ज की, उसी दिन पूछताछ के बाद उन्हें गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया गया. इसके तुरंत बाद रिमांड के लिए आवेदन भी दे दिया गया. याचिकाकर्ता का तर्क है कि चूंकि गिरफ्तारी से पहले ही पूछताछ हो चुकी थी, इसलिए रिमांड की कोई आवश्यकता नहीं थी.
विनय चौबे के तरफ से दलील दी गई है कि FIR दर्ज करने के दिन ही उन्हें कोर्ट में पेश करने से यह स्पष्ट होता है कि ACB की प्रारंभिक जांच पूरी हो चुकी थी. ऐसे में उन्हें रिमांड पर भेजने का आदेश देना गैर-जरूरी और अनुचित था. गौरतलब है कि IAS अधिकारी विनय चौबे और गजेंद्र सिंह को शराब घोटाले में कथित संलिप्तता के चलते निलंबित कर दिया गया है. गिरफ्तारी के बाद दोनों के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जा रही है.