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रांची/डेस्क: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष व नेता प्रातपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है. उपर्युक्त विषयक के संदर्भ में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय, काँके, राँची से दर्जनों वानिकी संकाय से स्नातक उत्तीर्ण छात्रों का प्रतिनिधिमंडल ने मुझसे मिलकर एक ज्ञापन सौंपा है, जो मूल रूप में संलग्न करते हुए अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु आपको प्रेषित कर रहा हूँ.
अपने पत्र में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आप अवगत होंगे कि राज्य में झारखण्ड लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2024 के अगस्त महीने में सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी के पदों पर सीधी नियुक्ति हेतु विज्ञापन जारी किया गया था, जिसकी प्रारंभिक परीक्षा की प्रस्तावित तिथि 15 एवं 29 जून, 2025 घोषित कर दी गई है. JPSC द्वारा जारी विज्ञापन में भर्त्ती हेतु शैक्षणिक अहर्त्ता जो रखा गया है, इसमें वानिकी संकाय में स्नातक को कोई प्राथमिकता (Weightage) नहीं दी गई है. जबकि देश के लगभग 15 विश्वविद्यालयों में वन संरक्षण एवं पर्यावरण को संतुलन बनाए रखने एवं संवर्द्धन हेतु 4 वर्षीय कोर्स वानिकी स्नातक की पढ़ाई होती है एवं देश के विभिन्न राज्यों में राज्य स्तरीय सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारियों की नियुक्ति में कुल विज्ञापित पदों में से 50% पदों पर वानिकी स्नातकों की नियुक्ति की जाती है.
उन्होंने कहा कि लेकिन दुर्भाग्य है कि JPSC जारी विज्ञापन संख्या 04/2024 में सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी हेतु सीधी नियुक्ति में वानिकी संकाय से स्नातक उर्त्तीण छात्रों के लिए कोई आरक्षण नहीं दिया गया, जबकि माननीय उच्च न्यायालय, झारखण्ड द्वारा दिनांक 04 अक्टूबर, 2024 को पारित आदेश में स्पष्ट रूप से सरकार को निर्देशित किया गया है कि राष्ट्रीय वन नीति 1988 के तहत वन सेवा से संबंधित नियुक्ति में वानिकी संकाय के छात्रों के लिए प्राथमिकता देते हुए कुल पदों में से 50% पदों को आरक्षित करना चाहिए ताकि वन संरक्षण एवं पर्यावरणीय संतुलन में इनकी योग्यता का उपयोग हो सके. लेकिन माननीय उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद सरकार द्वारा नियुक्ति विज्ञापन को रद्द नहीं किया गया और अब JPSC इसकी परीक्षा की प्रस्तावित तिथि भी घोषित कर दी गई जो 15 एवं 29 जून को प्रस्तावित है. यह माननीय उच्च न्यायालय के आदेश की पूरी तरह अवहेलना है.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि आपको अवगत कराना चाहूँगा कि देश के लगभग सभी राज्यों यथा कर्नाटक, जम्मू व कश्मीर, केरल, उड़ीसा, गुजरात, तमिलनाडु, मिजोरम, आसाम, नागालैंड, अरूणाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों में वन सेवा पदाधिकारियों की नियुक्ति में वानिकी संकाय के लिए कुल पदों में से 50% पदों को आरक्षित किया गया है. आपको यह भी बताना चाहूँगा कि कार्मिक विभाग, झारखण्ड सरकार, द्वारा वर्ष 2011 में सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी के लिए कुल पदों में से 50% पद वानिकी संकाय के छात्रों को Weightage देने का Draft तैयार हुआ था, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका, जिसके कारण इस व्यवसायिक कोर्स (वानिकी) डिग्रीधारी छात्रों को अपने अधिकार से वंचित होना पड़ रहा है. राज्यहित और कार्यहित में वानिकी संकाय में स्नातक उत्तीर्ण छात्रों को सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी के पदों पर नियुक्ति में 50%पद आरक्षित करना चाहिए ताकि वन एवं पर्यावरण में विशिष्ट योग्यताधारी को मौका मिल सके साथ ही वन संरक्षण एवं पर्यावरण संतुलन में अपनी भूमिका निभा सके.
अतएव आपसे अनुरोध है कि माननीय उच्च न्यायालय, झारखण्ड के आदेश को मद्देनजर रखते हुए वानिकी संकाय से स्नातक पास किए छात्रों को प्राथमिकता देने के उद्देश्य से सहायक वन संरक्षक एवं वन क्षेत्र पदाधिकारी नियुक्ति हेतु विज्ञापन संख्या 04/2024 को अविलम्ब रद्द कर नियुक्ति नियमावली में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश कि राज्य में वन पदाधिकारियों की नियुक्ति में 50% पद वानिकी संकाय से उत्तीर्ण स्नातकधारी अभ्यर्थियों के लिए आरक्षित कर नियुक्ति हेतु पुनः नया संशोधित विज्ञापन जारी करना चाहेंगे ताकि वानिकी संकाय से उत्तीर्ण छात्रों के साथ नैसर्गिक न्याय हो सके.