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रांची/डेस्क: 15 जुलाई 2025 की दोपहर एक ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने जा रहा है, जब स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान और एक्सिओम मिशन 4(Ax-4)का दलम पृथ्वी पर लौटेगा. यह मिशन 14 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से अलग हुआ था और अब अमेरिका के सैन डिएगो के पास प्रशांत महासागर में लैंडिंग की तैयारी में हैं.
ड्रैगन यान की वापसी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं होगी. जब यह पृथ्वी की ओर बढ़ेगा तो तेज आवाज यानी सोनिक बूम के साथ अपने आगमन की घोषणा करेगा. यह आवाज सैन डिएगो तट के आसपास सुनाई दे सकती है, जिससे वहां मौजूद लोगों को एक रोमांचक अनुभव मिलेगा. इस ऐतिहासिक लैंडिंग के पीछे एक सटीक और चरणबद्ध योजना है, जिसे एक्सिओम स्पेस और नासा की टीम ने मिलकर तैयार किया हैं.
पूरा टाइम टेबल इस प्रकार रहेगा:
- दोपहर 2:07 बजे (IST): डीऑर्बिट बर्न–यान की कक्षा से बाहर निकलने की प्रक्रिया
- 2:26 बजे (IST): ट्रंक जेटिसन–अतिरिक्त हिस्से को अलग किया जाएगा
- 2:30 बजे (IST): नोजकोन बंद–उतरने की तैयारी के लिए
- 2:57 बजे (IST): ड्रोग्यू पैराशूट्स तैनात–यान की गति कम करने के लिए
- 2:58 बजे (IST): मुख्य पैराशूट्स तैनात–सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए
- 3:00 बजे (IST): ड्रैगन स्प्लैशडाउन–यान समुद्र में उतरेगा
Ax-4 मिशन की शुरुआत 25 जून को हुई थी और 26 जून को यह टीम ISS से जुड़ी थी. इस मिशन में चार अंतरिक्ष यात्री शामिल है पैगी व्हिटसन (कमांडर), शुभांशु शुक्ला (पायलट, भारत), स्लावोश उज़नांस्की-विस्निव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कपु (हंगरी). इन अंतरिक्ष यात्रियों ने 18 दिन अंतरिक्ष में बिताए और 60 से अधिक महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए. इनमें मांसपेशियों की हानि, मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव और अंतरिक्ष में फसल उगाने जैसे प्रयोग शामिल हैं. भारत के लिए यह मिशन खास इसलिए भी रहा क्योंकि शुभांशु शुक्ला भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री बने. उन्होंने न केवल भारत का प्रतिनिधित्व किया बल्कि वैज्ञानिक अनुसंधान में भी अहम योगदान दिया.