प्रशांत शर्मा/न्यूज11 भारत
हजारीबाग/डेस्क: हजारीबाग जिले में पिछले कई सालों से जमीन दलाल पुलिस के लिए परेशानी का कारण बन गए हैं. हालात इस कदर भयावह हो चुके हैं की जिले के थानों में अपराध की कम जमीन दलालों की शिकायतें अत्यधिक संख्या में पहुंच रही है. जिले में जमीन दलालों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है. यदि जिला प्रशासन ने समय रहते इन जमीन दलालों पर नकेल नही कसा तो आनेवाले दिनों में जिले में ये जमीन दलाल पुलिस और प्रशासन के लिए बड़ा सिर दर्द साबित हो सकते.
जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्र में जमीन दलालों का एक सुसंगठित सिंडीकेट सक्रिय हैं जो बाहुबल पर ग्रामीणों की जमीनों को हड़प रहे, फर्जी कागजात तैयार कर जमीन की रजिस्ट्री करा रहे. जमीन दलालों कितने दबंग हो चुके हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता कि ये खतियान, अंचल में रजिस्टर 2 तक में हेर फेर तक कर रहे हैं. उन्हे अंचल के कर्मचारियों तक का संरक्षण हासिल है जिसके दम पर वे किसी भी जमीन का जाली कागजात तैयार कर ले रहे हैं.
144 लगवाकर अपने पक्ष में ऑर्डर भी पास करा लेते जमीन दलाल
जमीन दलाल जिले में कितने सशक्त हैं. इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता की इन जमीन दलालों की गहरी और मजबूत पैठ अंचल, अनुमंडल कार्यालय, अपर समाहर्ता कार्यालय से लेकर आयुक्त कार्यालय तक के कर्मियो से साठ गांठ कर अपने पक्ष में फैसला पारित करवाने तक का माद्दा रखते. किसी भी जमीन पर अनुमंडल कार्यालय से विवादित जमीन पर 144 लगवाकर अपने पक्ष में आदेश करा लेते. हैरत करनेवाली बात है की आम लोगो की समस्या, विवाद से जुड़े मामले संबंधित कार्यालय में सालो महीनों लंबित रहते मगर जमीन दलालों की संचिकाएं पूरे रफ्तार से हर कार्यालयों में दौड़ते रहती. तय समय में मामलो की ना केवल सुनवाई होती बल्कि आर्डर भी पतित कर दिया जाता. यह कैसे होता यह गहन जांच का विषय है.
सालो से अंचल और अनुमंडल सहित अन्य कार्यालय में जमे घाघ कर्मियो का संरक्षण
इन जमीन दलालों ने सिस्टम में ऐसी सेंधमारी कर रखी है कि इनसे निबटने के लिए जिला प्रशासन को रोड मैप तैयार कर योजनाबद्ध तरीके से कारवाई करनी होगी. इन जमीन दलालों को अंचल से लेकर हर स्तर के कार्यालयों से होते हुवे आयुक्त कार्यालय में सालो से जमे पुराने घाघ कर्मियो का वरदहस्त हासिल है जिनके दम पर ये जमीन से जुड़े मामलों में कुछ भी करवाने का माद्दा रखते.
फर्जी डीड तक तैयार करा लेते जमीन दलाल
जिले में जमीन दलाल कितने मजबूत हो चुके हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता की ये जमीन बड़ी आसानी से किसी भी रैयत की जमीन का फर्जी डीड तक तैयार कर लेते, बाद में इसी फर्जी डीड का फायदा उठा ये जमीन दलाल उठा कर रैयतों की करोड़ों की बेशकीमती जमीन औने पौने दाम देकर हड़प लेते. यदि कोई रैयत विरोध करता तो जमीन दलाल हिंसक होकर रैयत के साथ मारपीट पर भी उतारू हो जाते. ग्रामीण बताते हैं कि जिस जमीन पर दलालो को कब्जा करना होता वे पहले उस जमीन का फर्जी डीड तैयार करते.
उसके बाद अपने गुंडों के साथ संबंधित जमीन पर जेसीबी से ट्रेंच कटवा देते. अगर जमीन पर कोई निर्माण है तो जमीन दलाल उस निर्माण को ध्वस्त कर देते इस दौरान जमीन मालिक उन्हे रोकने आता तो उसके साथ न केवल मारपीट की जाती बल्कि उन्हें तरह-तरह से परेशान भी करते. यदि जमीन मालिक थाने में शिकायत करता तो उसके आवेदन पर ही दलाल थाने से 144 की अनुशंसा करवा एसडीओ कार्यालय भिजवा देते और फर्जी पेपर के सहारे अनुमंडल कार्यालय से अपने पक्ष में आदेश पारित करवा उस जमीन को हड़प लेते.
कटकमदाग थाना क्षेत्र से आती सर्वाधिक शिकायतें
बातचीत के क्रम में हजारीबाग रेंज के डीआईजी भी इस तथ्य को स्वीकार करते कि जिले में जमीन से जुड़े शिकायते ज्यादा ज्यादा आ रही. वे बताते हैं कि सर्वाधिक शिकायते जिले के कटकमदाग थाना क्षेत्र से मिल रही है. जमीन से जुड़े मामलों में पुलिस की भूमिका सीमित है, बावजूद इसके जमीन दलालों के खिलाफ कारवाई की जा रही है.