सड़क नहीं तो क्या इलाज नहीं होगा? खाट पर लादकर ले जाया गया लकवाग्रस्त महिला को अस्पताल

सड़क नहीं तो क्या इलाज नहीं होगा? खाट पर लादकर ले जाया गया लकवाग्रस्त महिला को अस्पताल

सड़क नहीं तो क्या इलाज नहीं होगा खाट पर लादकर ले जाया गया लकवाग्रस्त महिला को अस्पताल

राजन पाण्डेय/न्यूज11  भारत

चैनपुर/डेस्क: चैनपुर प्रखंड की बारडीह पंचायत के तबेला लोटाकोना गांव से एक हृदयविदारक मामला सामने आया है, जिसने एक बार फिर मानवीय संवेदना को झकझोर कर रख दिया है. गांव में सड़क नहीं होने के कारण 58 वर्षीय राहिल टोप्पो को, जो लकवा की चपेट में आ गई थीं, इलाज के लिए खाट पर लादकर मुख्य सड़क तक ले जाना पड़ा.

 2 किलोमीटर तक खाट पर सफर 

सूचना के अनुसार, बुधवार की रात राहिल टोप्पो पति अलबेला टोप्पो को पैरालिसिस अटैक आया. परिजन गुरुवार की सुबह उन्हें गुमला अस्पताल ले जाने के लिए आनन-फानन में निकले, लेकिन दुर्भाग्य से गांव में सड़क की दुर्दशा के कारण कोई भी वाहन पहुंच नहीं सका.इसके बाद, परिवार के सदस्यों और ग्रामीणों ने मिलकर बीमार महिला राहिल टोप्पो को खाट पर लादकर गांव से लगभग 2 किलोमीटर दूर स्थित मुख्य सड़क तक पहुंचाया. इस अथक प्रयास के बाद ही उन्हें गुमला अस्पताल ले जाया जा सका.

विकास से वंचित, अभिशाप बनी सड़क की कमी 

तबेला लोटाकोना गांव चैनपुर प्रखंड मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और यहां लगभग छह सौ लोगों की आबादी है. आजादी के इतने वर्षों बाद भी गांव तक सड़क नहीं बन पाना यहां के लोगों के लिए अभिशाप बन गया है. तबेला लोटाकोना के ग्रामीणों ने बताया कि आदिवासी बहुल इस गांव को नेताओं और सरकारी कर्मियों के उदासीन रवैया और घोर लापरवाही के कारण आज भी मूलभूत सुविधा सड़क से वंचित रहना पड़ रहा है. कई विकास योजनाओं का लाभ भी लोगों को नहीं मिल पाता है.

बरसात में टापू बन जाता है गांव

ग्रामीणों के अनुसार, बरसात के दिनों में यह गांव पूरी तरह से टापू में तब्दील हो जाता है. लोगों को तीन-चार महीने गांव से बाहर निकलने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसका सबसे अधिक खामियाजा छात्र-छात्राओं, बीमार लोगों और कारोबारियों को उठाना पड़ता है.पंचायतीराज व्यवस्था के तहत वार्ड पार्षद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, और जिला परिषद सदस्य जैसे इन कई जनप्रतिनिधि होने के बावजूद, लोटाकोना गांव में सड़क बनवा पाना अब तक टेढ़ी खीर साबित हुआ है. नेताओं और सरकारी कर्मियों का लचर रवैया इस समस्या का मुख्य कारण है.इस घटना ने एक बार फिर आदिवासी बहुल और दुर्गम क्षेत्रों में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं के अभाव को उजागर किया है, जिसके कारण आम नागरिकों को अपनी जान जोखिम में डालकर जीवन जीना पड़ रहा है.

यह भी पढ़ें: महागठबंधन के प्रत्याशी उमैयर खान के पक्ष में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम बघेल ने किया चुनाव प्रचार

संबंधित सामग्री

अमेरिका में ट्रंप का बड़ा यू-टर्न! चाय–कॉफी समेत कई चीजों पर टैरिफ घटाया

देश-विदेश

अमेरिका में ट्रंप का बड़ा यू-टर्न! चाय–कॉफी समेत कई चीजों पर टैरिफ घटाया

भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से अगले 25 साल में झारखंड करेगा देश दुनिया में नाम रोशन- उपायुक्त

झारखंड

भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से अगले 25 साल में झारखंड करेगा देश दुनिया में नाम रोशन- उपायुक्त

उलिहातू में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन आज

झारखंड

उलिहातू में बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और राज्य स्थापना दिवस का भव्य आयोजन आज

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में भीषण धमाका! 9 की मौत, 27 घायल

देश-विदेश

श्रीनगर के नौगाम पुलिस स्टेशन में भीषण धमाका! 9 की मौत, 27 घायल

झारखण्ड के विकास के पथ पर अग्रसर है हेमंत सरकार– ममता देवी

झारखंड

झारखण्ड के विकास के पथ पर अग्रसर है हेमंत सरकार– ममता देवी