न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः मई का महीना सामान्यतौर पर भीषण गर्मी के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार मई ने मौसम के पैटर्न में बदलाव में हुआ हैं. भीषण गर्मी के बीच आफत की बारिश हो रही हैं जिससे कई शहरों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. पर्यावरणविद के अनुसार, इस साल वसंत ऋतु गायब रही. वहीं, सर्दी के बाद सीधे गर्मी शुरू हो गई. इस असामान्य मौसम के पीछे जलवायु परिवर्तन, पश्चिमी विक्षोभ की दिशा में बदलाव, और समुद्री तापमान में वृद्धि प्रमुख कारण हैं.
जानें क्यों हो रही है मई में बारिश
ग्लोबल वार्मिंग ने मौसम के पैटर्न को पूरी तरह बदल दिया है. नेपाल का याला ग्लेशियर पिघलकर खत्म हो चुका है, जिसे ‘मृत’ घोषित किया गया. हिमालय के ग्लेशियरों का पिघलना बाढ़ और भूस्खलन के खतरे को बढ़ा रहा है. समुद्री तापमान में 1.5°C तक की वृद्धि ने समुद्र के अम्लीकरण को तेज किया, जिससे मछली उत्पादन 17.1% तक कम हो सकता है. गर्म हवा नमी को ज्यादा सोख रही है, जिससे कम समय में मूसलाधार बारिश हो रही है. ये बारिश ग्राउंडवाटर रिचार्ज या वाटर हार्वेस्टिंग में मदद नहीं करती, बल्कि बाढ़, वज्रपात, और ओलावृष्टि से नुकसान पहुंचाती है.
23 मई तक आंधी -बारिश की संभावना
झारखंड की मौसम की बात की जाए तो 21 से 23 मई के तीन दिनों के दौरान यहां के विभिन्न भागों में 40 से 50 किमी/घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं, बिजली गिरने और हल्की से मध्यम दर्जे की वर्षा होने की संभावना जताई गई हैं. येलो अलर्ट के तहत लोगों से अपील की गई है कि सुरक्षित स्थानों पर रहे और खुले में न निकलें. मौसम विभाग के अनुसार, 21 मई को राज्य के कई इलाकों में ग्रह-चमक के साथ बारिश होगी. यह स्थिति 22 और 23 मई तक बनी रहेगी. ऐसे में बिजली गिरने से बचने के लिए सावधानी जरुरी हैं.
तापमान में गिरावट
बारिश के वजह से रांची समेत कई इलाकों में तापमान में 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई हैं. रांची में अधिकतम तापमान 35.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 21.8 डिग्री सेल्सियस रहा. वहीं डाल्टेनगंज का अधिकतम तापमान सबसे अधिक 42.2 डिग्री और लातेहार का न्यूनतम सबसे कम 21.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.