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रांची: झारखंड राज्य फसल राहत योजना के क्रियान्वयन को लेकर रांची जिला समन्वय समिति की बैठक समाहरणालय में हुई. डीसी राहुल कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में फसल राहत योजना का जिला में प्रचार प्रसार हेतु कृषक संर्पक अभियान चलाये जाने की बात कही गई. किसानों को संबंधित पोर्टल पर निबंधन के लिए प्रचार प्रसार करने के लिए सीएससी साहित संबंधित पदाधिकारियों से डीसी ने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए प्रचार प्रसार संबंधी गतिविधियों को संपन्न कराएं. कृषक संर्पक अभियान हेतु प्रत्येक स्तर पर एक टीम गठित की जाएगी. कृषक मित्रों के माध्यम से किसानों तक आवश्यक जानकारी पहुंचाना सुनिश्चित करने की बात डीसी ने कही. क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के लिए जिला सांख्यिकी पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया गया.
क्या है झारखंड राज्य फसल राहत योजना
-योजना अंतर्गत लाभ केवल प्राकृतिक आपदा से होने वाले फसल क्षति के मामले में लागू.
-योजना का लाभ लेने के लिए प्रत्येक फसल मौसम (खरीफ एवं रबी) में अलग-अलग निबंधन एवं आवेदन करना होगा.
-योजना में भाग लेने के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना होगा.
-प्राकृतिक आपदा से हुए फसल क्षति का आकलन एवं निर्धारण क्रॉप कटिंग एक्सपेरिमेंट के द्वारा किया जाएगा.
-30-50 प्रतिशत तक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 3000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी.
-50 प्रतिशत से अधिक फसल क्षति होने पर आवेदक को प्रति एकड़ 4000 रूपये की सहायता राशि दी जाएगी.
-अधिकतम 5 एकड़ तक फसल क्षति सहायता राशि दी जाएगी.
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कौन लोग रखते हैं आवेदन की पात्रता
-सभी रैयत एवं बटाईदार किसान.
-किसान झारखंड राज्य के निवासी हों.
-आवेदक किसान की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए.
-आवेदक किसान का वैध आधार संख्या होना चाहिए.
-कृषि कार्य करने से संबंधित वैध भूमि दस्तावेज/भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व -रसीद/राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती/पट्टा बटाईदार किसानों द्वारा भूस्वामी से सहमति पत्र)
-न्यूनतम 10 डिसमिल और अधिकतम 5 एकड़ हेतु निबंधन.
-सभी किसानों के लिए स्वैच्छिक
-आवेदक किसानों को अपना संख्या बायोमेट्रिक प्रणाली द्वारा प्रमाणित करना होगा.
-http://jrfry.jharkhand.gov.in* पर स्वयं या कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से पंजीकरण कराया जा सकता है.
रजिस्ट्रेशन और आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
-आधार संख्या
-मोबाइल संख्या
-आधार संबंध बैंक खाता विवरण
-आयतन भू स्वामित्व प्रमाण पत्र अथवा राजस्व रसीद( 31 मार्च 2022 तक भुगतान किया हुआ)
-वंशावली (मुखिया /ग्राम प्रधान/ राजस्व कर्मचारी /अंचल अधिकारी द्वारा निर्गत)
-सरकारी भूमि पर खेती करने हेतु राजस्व विभाग से निर्गत बंदोबस्ती पट्टा (बटाईदार किसान द्वारा)
-घोषणा पत्र (रैयत और बटाईदार किसान द्वारा)
-सहमति पत्र (बटाईदार किसान द्वारा)
-पंजीकृत किसानों के चयनित फसल एवं बुवाई के रखवा का पूर्ण विवरण.