संदीप बरनवाल/न्यूज़11 भारत
गावां/डेस्क: आपने आज तक यही सुना होगा कि कुंआ जमीन में खुदाई कर बनाया जाता है. परंतु गावां प्रखण्ड एक ऐसा प्रखण्ड है जहां जमीन से 15 फिट ऊपर हवा में भी कुंआ दिखाई देगा, ऐसा एक दो नहीं बल्कि दर्जनों हैं.
गावां प्रखण्ड में मनरेगा योजनाएं पूरी तरह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है. भ्रष्टाचार का आलम यह है कि यहां हवा में जमीन से 12-15 फिट ऊपर कुंआ का निर्माण कराकर पदाधिकारियों की मिलीभगत से 30 फिट खुदाई की राशि निकाल ली गई है. यहां मजदूरों को रोजगार दिलाने एवं किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाई जा रही मनरेगा कूप योजना में ठेकेदारी प्रथा हावी है. यहां कुंआ निर्माण में किसी मजदूर की आवश्यकता नहीं होती और न ही यहां मनरेगा से बनाये गए कूप से जमीन की सिंचाई हो सकती है. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यहां मनरेगा से जिस तरह कुंआ बनाया गया है जैसे पानी निकालने के लिए इसमें सीढ़ी लगाना पड़ेगा.
गावां प्रखण्ड के नीमाडीह पंचायत में वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 के तहत बनाये गए मनरेगा कुंआ का निर्माण जमीन से 12-15 फिट ऊपर किया गया है. यहां वर्ष 2023-24 में दसरथ राय, कामता में बिनोद यादव, बेलाखुटा में रमेश यादव,2024-25 में पवन यादव, चांदनी देवी के जमीन पर जो कुंआ का निर्माण कराया गया है वह जमीन से 12-15 फिट ऊपर कराया गया है. वहीं सीमा देवी के जमीन पर जो कुंआ का निर्माण के लिए खुदाई की गई है वो बीच नदी में खोद दिया गया है. ताज्जुब तो यह है कि भला ऐसे कुंआ के निर्माण के समय कनीय अभियंता और सहायक अभियंता कुंआ खुदाई की मापी कैसे करते हैं और कैसे इसका बिल पास होता है. नीमाडीह पंचायत के बेलाखुटा, नीमाडीह में एक दर्जन से अधिक कुंआ का निर्माण मनरेगा योजना से कराया गया है परंतु इन कुंओं को देखने से साफ पता चलता है कि यह कुंआ पानी के लिए नहीं बल्कि ठेकेदारी कर राशि की बंदरबांट करने के लिए बनाया गया है.
करीब 4 लाख की लागत से बनने वाले इस कुंए के निर्माण के लिए तीन से चार फिट खुदाई कर उसे बांध दिया जाता है और धीरे धीरे जमीन से 15 फिट ऊपर तक बांध कर कुंआ के चारों ओर मिट्टी का ढेर लगा दिया जाता है. कुंआ के मेढ़ को बांधकर 30 फिट की खुदाई दर्शा दी जाती है. कुल मिलाकर कहें तो यह साफ जाहिर है कि गावां में मनरेगा योजनाओं में केवल राशि की बंदरबांट हो रही है. यहां रोजगारसेवक, पंचायतसेवक, जेई, एई, मुखिया व बीपीओ की मिलीभगत से महत्वाकांक्षी योजनाओं में राशि की लूट हो रही है. इधर इस संबंध में बीडीओ महेंद्र रविदास से पूछे जाने पर उन्होंने बयान देने से इनकार कर दिया कहा कि वे इसके लिए अधिकृत नहीं हैं. मामला अगर ऐसा है तो इसकी जांच कराई जाएगी. एई संतोष कुमार ने कहा कि कई कुंआ उनके गावां आने से पूर्व की है बावजूद अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जांच की जाएगी. वहीं मनरेगा बीपीओ भिखदेव पासवान ने कहा कि उन्हें इस तरह के कुंआ निर्माण की जानकारी नहीं है अगर ऐसा हुआ है तो वे स्थल पर जाकर इसकी जांच कर उचित कार्रवाई करेंगे.