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रांची/डेस्क: भारत के फैसले सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान की मुश्किले बढ़ने लगी हैं. सिंधु बेसिन की नदियों में बाढ़ से पाकिस्तान के हालात बदतर हैं और उसके कई बड़े शहरों में पानी भरने से हाहाकार मच गया हैं. भारत की ओर से सिंधु जल आयोग के काम नहीं करने के बारे में कोई सुचना भी नहीं दी जा रही हैं. हालांकि, भारत ने इंसानियत दिखाते हुए तवी नदी में बाढ़ आने के खतरे के बारे में पाकिस्तान को बता दिया था. इसके बावजूद भी वह वक्त पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर नहीं पहुंच पाया.
विदेश मंत्रालय से दी गईं तीन सूचनाएं
पाकिस्तान को भारत ने तीन बार मानवीय आधार पर जो सूचनाएं दी हैं, वह विदेश मंत्रालय के जरिए दी गई हैं. पहलगाम के आतंकी हमले के बाद भारत के जल प्रहार यानि सिंधु जल समझौते को स्थगित करने से पाकिस्तान की स्तिथि खराब हो गई हैं. पहले गर्मी के मौसम में भारत से पानी कम छोड़े जाने से वह धमकी देने पर उतर आया था और अब बाढ़ के हालात में बिना किसी सूचना के नदियों में बाढ़ से वह गिडगिडाने की स्तिथि में आ गया हैं. सिंधु जल आयोग का काम ठप हो गया है सिंधु जल समझौते के स्थगित होने की वजह से, जो सिंधु बेसिन की नदियां, जल प्रवाह आदि की सूचनाओं, पूर्वानुमानों के बारे में बताने और दोनों पक्षों की तरफ से आने वाली दिक्कतों को हल करने का काम करता था.
पाकिस्तान में हाहाकार
सिंधु बेसिन की सभी नदियों में बने भीषण बाढ़ के हालात से पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ हैं. यह सभी नदियों भारत से पाकिस्तान की ओर जाती है और पाकिस्तान को कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी जा रही हैं. भारत के विदेश मंत्रालय ने बीते दिनों मानवीय आधार पर तवी नदी में पानी बढ़ने के बारे में पाकिस्तान को सूचित किया था. पाकिस्तान की नाराजगी इससे बढ़ी थी क्योंकि इसके पहले सिंधु जल आयोग इसकी सुचना देता था और दोनों देश मिलकर काम करते थे. विदेश मंत्रालय से पाकिस्तान को केवल सूचना मिली. जल प्रवाह, बाढ़ आदि के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई. सूत्रों के मुताबिक, दो और सूचनाएं सतलज में पानी बढ़ने पर दी गई थी.
रावी नदी में बाढ़ आने से लाहौर में हालत बदतर
लाहौर में हालात रावी नदी में बाढ़ आने से बदतर हो गए हैं. भारत ने इस संदर्भ में भी कोई सुचना नहीं दी थी. आरोप लगाया जा रहा है कि भारत के बांधों से अचानक पानी छोड़ा जा रहा है और पाकिस्तान को बताया भी नहीं जा रहा है और न ही पाकिस्तान के पास भारत के जल संसाधन विभाग से संवाद कर हालात संभालने के लिए चर्चा करने का कोई तंत्र है. आने वाले समय में बारिश के बाद उसे खेती के लिए पानी के संकट का और ज्यादा सामना करना पड़ सकता हैं.