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रांची/डेस्क: हमारे जीवन में ग्रहों का बेहद महत्व होता है. अगर किसी भी व्यक्ति की कुंडली में ग्रह दोष है तो उसकी बीमार होने की संभावना में बढ़ोतरी हो जाती है. शास्त्रों के अनुसार, हर ग्रह कोई न कोई बीमारी जरूर देता है. किसी गंभीर बीमारी से अगर कोई व्यक्ति ग्रस्त है तो कोई अशुभ ग्रह उसकी कुंडली में बैठा है जिसके वजह से वह बीमार रहता है. तो आइये जानते है कि कौन सी बीमारी किस ग्रह की वजह से हो सकती है. साथ ही इससे बचने के उपाय भी हम आज आपको बतायेंगे.
सूर्य
सभी ग्रहों का राजा सूर्य ग्रह को माना जाता है. सूर्य से ही सभी ग्रहों को शक्ति मिलती है. अगर आपके कुंडली सूर्य दोष है तो आपको इसके अशुभ प्रभाव से हड्डियों की, टीबी, आंखों की, पाचन तंत्र की और हृदय रोग, जैसे संबंधित रोग हो सकते हैं
चंद्रमा
चंद्रमा को ज्योतिष में मन का कारक ग्रह माना गया है. चन्द्रमा के कमजोर होने से ऐसे में कफ रोग, मूत्र विकार, अवसाद, मानसिक तनाव, दांत, किडनी, मधुमेह और दिल से संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या हो सकती है.
मंगल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगल ग्रह का संबंध रक्त से बताया गया है. अगर आपके कुंडली में मंगल दोष है तो खून से संबंधित बीमारियां ज्यादा होने लगती है. इसके अलावा कैंसर, मूत्र रोग, विषजनित रोग,पाइल्स, कण्ठ रोग और ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.
बुध
बुध ग्रह को ज्योतिष में वाणी का कारक ग्रह माना गया है. बुद्ध ग्रह के कुंडली में कमजोर होने पर टाइफाइड, पीलिया, हकलाने की बीमारी, चर्म रोग, और खुजली सीने से जुड़े रोग होने की संभावना होती है.
गुरु
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु के कुंडली में कमजोर होने से व्यक्ति को पेट से संबंधित रोग और मोटापा होने लगता है. व्यक्ति को किडनी, मधुमेह, लीवर, याददाश्त में कमी और पीलिया जैसी बीमारी होने लगती है.
शुक्र
शुक्र ग्रह को ज्योतिष में संपन्नता और वैभव का कारक ग्रह बताया गया है. इसके अशुभ होने पर यौन संबंधी बीमारी हो सकती है. साथ ही व्यक्ति को त्वचा संबंधित बांझपन और वीर्य संबंधित समस्या हो सकती है.
शनि
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अगर कुंडली में शनि ग्रह कमजोर है. तो व्यक्ति को शारीरिक थकान,चोट आदि लगने का डर बना रहता है. साथ ही बाल से जुड़ी भी दिक्कते होने लगती है. वहीं पेट दर्द, त्वचा संबंधित रोग, घुटनों या पैरों में होने वाला दर्द भी होने की संभावना है.
राहु
ज्योतिष में कुंडली में राहु के अशुभ या कमजोर होने पर व्यक्ति को पागलपन, मस्तिष्क पीड़ा, बवासीर जैसी बीमारी हो सकती है.
केतु
राहु और केतु दोनों ही अशुभ ग्रह कहलाते हैं. केतु के कुंडली में कमजोर होने से व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित बीमारियां, पेशाब से जुड़ी बीमारी, कुत्ते का काटना,रीढ़ संबंधित समस्या,शुगर, स्वप्नदोष,आकस्मिक रोग, हर्निया और गुप्तांग संबंधी रोग हो सकता है.