न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्क: बिहार में जब से चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू किया है तब से विपक्षी पार्टियों, खासकर कांग्रेस इसका विरोध जता रही है. न सिर्फ विरोध जता रही है, बल्कि उसका विरोध हंगमे के रूप में संसद से लेकर सदन तक जारी है. कांग्रेस को लगता है कि चुनाव आयोग मतदाता सूची पुनरीक्षण के बहाने फर्जीवाड़ा कर रही है और भाजपा को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है. मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद भी और चुनाव आयोग के पक्ष में फैसला सुनाये जाने के बाद भी कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. अब जब कि बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, कांग्रेस बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकाल कर जनता को यह समझाने का प्रयास करेगी कि चुनाव आयोग और भाजपा फर्जीवाड़ा कर सत्ता पर काबिज है. देखना यह कि कांग्रेस का यह अभियान बिहार की जनता को कितना प्रभावित कर पाता है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने का नेतृत्व में यह यात्रा होगी. इसकी शुरुआत 17 अगस्त यानी आज से सासाराम से शुरू होगी. यह यात्रा 16 दिनों तक चलेगी और 1300 किलोमीटर कवर करेगी. यात्रा में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और इंडी गठबंधन के अन्य नेता भी शामिल होंगे.
इन मार्गों से गुजरेगी कांग्रेस की वोटर अधिकार यात्रा
- 17 अगस्त: सासाराम से शुरुआत
- 18 अगस्त: देव रोड, अंबा-कुंडुंबा
- 19 अगस्त: पूनामा, वजीरगंज
- 21 अगस्त: शेखपुरा
- 22 अगस्त: मुंगेर
- 23 अगस्त: कटिहार
- 24 अगस्त: पूर्णिया
- 26 अगस्त: सुपौल
- 27 अगस्त: दरभंगा
- 28 अगस्त: सीतामढ़ी
- 29 अगस्त: बेतिया
- 30 अगस्त: छपरा
- 01 सितंबर: पटना में विशाल रैली के साथ यात्रा का समापन
आज चुनाव आयोग की 3.00 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस
मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी पार्टियों और चुनाव आयोग में एक तरह से ठन सी गयी है. विपक्षी पार्टियां अपने तरह से विरोध तो जता ही रहीं है. रविवार यानी आज चुनाव आयोग भी अपराह्न 3.00 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सम्भवतः विपक्षी पार्टियों द्वारा अपने ऊपर लगाये जा रहे आरोपों पर अपना पक्ष रखेगी. बता दें कि चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है. उसके कार्य करने का अपना तरीका है,, उस लीक से हटकर चुनाव आयोग नहीं चल सकता. यही कारण है कि जब यह मामला जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. कपिल सिब्बल, मनु सिंघवी जैसे दिग्गज अधिवक्ताओं की दलीलों के बावजूद कोर्ट ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया को जायज ठहराया. उसके बाद भी विपक्षी पार्टियों का विरोध चुनाव आयोग पर शक करना हैरत जरूर पैदा करता है.