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रांची/डेस्कः- जीवन में कई बार हम उलझन व परेशानियों से जूझते हैं. ऐसे समय में सही मार्गदर्शन का मिलना बहुत जरूरी हो जाता है. भगवत गीता हमें न सिर्फ कर्म करने की बल्कि जीवन को सही व संतुलित दिशा में जीने का कला भी सिखाती है. गीता का उपदेश हर लोगों के लिए अति आवश्यक है. ये हमारी सोच बदल सकते हैं और मुश्किलों का भी सामना करने में सहायता करते हैं. आप भी अपने उलझन भरी जिंदगी से शांति पाना चाहते हैं तो गीता के ये अमूल्य संदेश जरूर जानने चाहिए.
कर्म करो फल की चिंता मत करो
गीता हमें सिखाती है कि हमें सिर्फ अपने कर्मों परध्यान देना चाहिए, रिजल्ट की चिंता नहीं करनी चाहिए. जब हम अपने काम को पूरे इमानदारी से करेंगे तो हमारा जीवन और भी आसान हो जाएगा.
मन को स्थिर व शांत बनाए रखना
गीता में लिखा है कि मन की शांति बड़ा जरूरी है, तनाव व घबड़ाहट हमारे निर्णयों को प्रभावित करती है. आत्मनियंत्रण से हम अपने मन को शांत रख सकते हैं साथ ही सही निर्णय ले सकते हैं.
संतुलित जीवन जीने की कला
जीवन में संतुलन बनाना बेहद जरूरी है, गीता में बताया गया है कि हमें न सिर्फ भौतिक सुख में खोना चाहिए और न ही पूरी तरह से त्याग में, जीवन में संतुलन ही सुख व स्मृद्धि लाती है.
चिंता व डर से दूरी बनाएं
चिंता केवल हमारे विकास में बाधा डालती है, आत्मविश्वास व साहस से हम किसी भी तरह के चुनोतियों का सामना कर सकते हैं.
दूसरों के प्रति करूणा व समझ
गीता में हमें बताया गया है कि दूसरों के प्रति हमें समझदारी व करुणा का भवना रखना चाहिए. इससे समाज में सकारात्मक बदलाव के साथ साथ रिश्तों में भी मजबूती मिलती है.
नोट- यह लेख सामान्य मान्यताओं पर आधारित है, न्यूज 11 इसकी पुष्टि नहीं करता है.