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रांची/डेस्क: क्या आपने कभी सोचा है कि बिना फ्लाइट के भी विदेश घूमा जा सकता है? वो भी सिर्फ ट्रेन से! भारत में कुछ ऐसे खास रेलवे स्टेशन मौजूद है, जो न केवल हमारे देश के भीतर यात्रा का जरिया है बल्कि पड़ोसी देशों की सैर का भी आसान रास्ता खोलते हैं. इन स्टेशनों के जरिए आप नेपाल, बांग्लादेश और पहले पाकिस्तान तक भी ट्रेन या पैदल यात्रा कर सकते थे. चलिए आपको इन अनोखे रेलवे स्टेशनों की दुनिया में लेकर चलते है, जो आपकी जेब पर भारी नहीं पड़ेंगे लेकिन यादें भरपूर दे जाएंगे.
जयनगर रेलवे स्टेशन (बिहार): नेपाल की ओर खुलता द्वार
बिहार के मधुबनी जिले में स्थित यह स्टेशन भारत-नेपाल कनेक्शन का अहम हिस्सा हैं. जयनगर से चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस सीधे नेपाल के जनकपुर तक जाती हैं. सीता माता की जन्मस्थली कहे जाने वाले इस शहर की यात्रा के लिए न पासपोर्ट चाहिए, न वीजा. धार्मिक और सांस्कृतिक रोमांच के साथ-साथ सीमावर्ती जीवन को भी करीब से जानने का मौका मिलता हैं.
जोगबनी रेलवे स्टेशन (बिहार): पैदल चलें और पहुंच जाएं नेपाल
अररिया जिले का यह स्टेशन इतना नज़दीक है नेपाल की सीमा से कि ट्रेन से उतरते ही कुछ ही मिनटों में आप बीराटनगर पहुंच सकते हैं. कोई विशेष दस्तावेज नहीं, केवल आधार कार्ड या कोई सरकारी आईडी साथ रखें और विदेश की सैर हो जाए पूरी. यह स्टेशन ना सिर्फ आम यात्रियों के लिए, बल्कि भारत-नेपाल व्यापार के लिए भी अहम हैं.
हल्दीबाड़ी रेलवे स्टेशन (पश्चिम बंगाल): मिताली एक्सप्रेस से ढाका की सैर
कूच बिहार जिले में स्थित हल्दीबाड़ी स्टेशन से आप मिताली एक्सप्रेस के जरिए बांग्लादेश की राजधानी ढाका जा सकते है केवल 4.5 किलोमीटर की दूरी पर बांग्लादेश का चिलहाटी स्टेशन हैं. हालांकि इस रूट पर वीजा और पासपोर्ट अनिवार्य है लेकिन सफर बेहद आरामदायक और यादगार होता हैं.
पेट्रापोल रेलवे स्टेशन (पश्चिम बंगाल): बंधन एक्सप्रेस का ठिकाना
भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित यह स्टेशन कोलकाता से खुलना तक चलने वाली बंधन एक्सप्रेस का शुरुआती पॉइंट हैं. यह सिर्फ एक रेलवे स्टेशन नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच दोस्ती की एक मजबूत कड़ी हैं. अगर आप सुंदरबन की हरियाली और बांग्लादेश की संस्कृति से रूबरू होना चाहते हैं, तो इस स्टेशन से सफर कीजिए.
राधिकापुर रेलवे स्टेशन (पश्चिम बंगाल): जीरो पॉइंट पर खड़ा एक अनोखा स्टेशन
उत्तर दिनाजपुर में स्थित राधिकापुर स्टेशन बांग्लादेश के दीनाजपुर से जुड़ा है और इसे ‘जीरो पॉइंट’ भी कहा जाता हैं. यहां से चलने वाली ट्रेनें व्यापारिक और यात्रियों दोनों तरह की आवाजाही के लिए जरूरी हैं. कम खर्च में सीमा पार संस्कृति का अनुभव लेना चाहते हैं, तो यह स्टेशन आपकेलिए एकदम फिट हैं.
सिंघाबाद रेलवे स्टेशन (पश्चिम बंगाल): पैदल पार करें बॉर्डर
मालदा जिले में स्थित सिंघाबाद स्टेशन बांग्लादेश की सीमा के बेहद पास हैं. 1978 में फिर से शुरू किए गए इस स्टेशन से आप पैदल सीमा पार कर सकते है और बांग्लादेश के लोकल मार्केट्स, नदी घाटों और सांस्कृतिक स्थलों का लुत्फ उठा सकते हैं.
अटारी रेलवे स्टेशन (पंजाब): जहां से होती थी पाकिस्तान की ट्रेन यात्रा शुरू
अमृतसर के पास स्थित यह ऐतिहासिक स्टेशन कभी समझौता एक्सप्रेस का गवाह रहा है, जो पाकिस्तान के लाहौर तक जाती थी. हालांकि वर्तमान में यह सेवा बंद है लेकिन अटारी स्टेशन भारत-पाकिस्तान के रिश्तों का प्रतीक बना हुआ हैं. भविष्य में अगर ये सेवा फिर से शुरू होती है, तो यह स्टेशन फिर से इतिहास रच सकता हैं.