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रांची/डेस्क: रूस जल्द अपना सरकारी एप लॉन्च करने जा रहा है, जिसे वलोड्स एप के नाम से जाना जाएगा. यह प्लेटफॉर्म वैश्विक मैसेजिंग दिग्गजों जैसे व्हाट्सप्प, टेलीग्राम और एलोन मस्क के एक्स चैट को सीधी चुनौती देगा. इस परियोजना को राष्ट्रपति वलादमीर पुतिन के निर्देशन में विकसित किया जा रहा है और इसे पहले ही रूस की संसद की निचली सदन-डूमा से मंजूरी मिल चुकी है.
विदेशी मैसेजिंग प्लाटफॉर्म की असुरक्षित सेवाओं की आवश्यकता को समाप्त करेगा
डूमा की सूचना नीति समिती ने इस एप को सुरक्षित, बहुउपयोगी विकल्प करार दिया है. उनका कहना है कि वलोड्स एप रूस की डिजिटल सुरक्षा ढांचों मे बची आखिरी बड़ी कमी को पूरा करेगा और विदेशी मैसेजिंग प्लेटफॉर्म को पूरा करेगी और विदेशी मैसेजिंग प्लाटफॉर्म की असुरक्षित सेवाओं की आवश्यकता को समाप्त करेगा.
कई इनबिल्ड फीचर्स होंगे
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह ऐप केवल चैट तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि, वीडियो कॉल, डॉक्यूमेंट शेयरिंग, सरकारी सेवाओं का एक्सेस और AI आधारित ट्रैन्स्लैशन जैसे कई इनबिल्ड फीचर्स होंगे. इसके सर्वर ओर डेटा पूरी तरह से रूस में होस्ट किया जाएगा ताकि विदेशी निगरानी से बचा जा सके.
तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर
विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम रूस की डिजिटल संप्रभुता को दूर करने मे बड़ा प्रयास है. पश्चिमी प्रतिबंधों और साइबर जासूसी के खतरे के बीच रूस पिछले कुछ वर्षों से अपनी तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर दे रहा है. वलोड्स एप उसी नीती का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें रूस ने पहले "रूनेट" नामक स्वतंत्र इंटरनेट ईको-सिस्टम और यइंडेक्स सर्च इंजन जैसे प्लेटफॉर्म खड़े किए है.
2025 के अंत तक आम उपयोगकर्ताओं के लिए होगा उपलब्ध
हालांकि, आलोचकों का कहना है कि इस कदम से नागरिकों की अभव्यक्ति की स्वतंत्रता और निजता पर असर पड़ सकता है. फिर भी रूस सरकार इसे राष्ट्रवादी तकनीकि संधान के रूप मे प्रस्तुत कर रही है, जो देश को बाहरी हस्तक्षेप से बचाएगा. आपको बता दें कि ऐप के आधिकारिक लॉन्च की तारीख अभी घोषित नहीं हुई है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि यह 2025 के अंत तक आम उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हो जाएग.